देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत के 2022 विधानसभा चुनाव में सीएम का चेहरा घोषित वाले बयान के बाद कांग्रेस में घमासन मचा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने हरीश रावत के बयान को लेकर कहा कि कांग्रेस में सीएम का चेहरा घोषित नहीं करने की परंपरा है। इंदिरा हृरदयेश के इस बयान पर हरीश रावत चुप नहीं रहे। उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट लिखकर फिर से साफ कर दिया कि चुनाव में चेहरे के साथ उतरना जरूरी है। इतना ही नहीं हरदा ने कई राज्यों के उदाहरण भी सामने रख दिए।
#चुनाव के वक्त कोई असमंजस न रहे, एक नाम को आगे कर हम सब उसके साथ चलें, इस भावना से दिये गये मेरे ट्वीट को लेकर कुछ दोस्त…
Posted by Harish Rawat on Monday, 11 January 2021
पूरी सीएम हरीश रावत ने अपनी पोस्ट में कहा है कि चुनाव के वक्त कोई असमंजस न रहे, एक नाम को आगे कर हम सब उसके साथ चलें। इस भावना से दिये गये मेरे ट्वीट को लेकर कुछ दोस्त यह कह सकते हैं कि हमारी परंपरा चुनाव के बाद नेता तय करने की रही है। ऐसा सब राज्यों में नहीं हुआ है।
हरदा ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, केरल व दिल्ली और कई राज्यों में हमने स्पष्ट चेहरा घोषित किया और चुनाव लड़े, अधिकांश स्थानों पर अच्छे रिजल्ट रहे और फिर परंपरा हमारी बनाई हुई है। स्थितियों को देखकर आप बदलाव ला सकते हैं और लाना चाहिये। इधर, भाजपा ने चुनाव को एक राजनैतिक घटना के स्थान पर राजनैतिक महायुद्ध में बदल दिया है। इसलिये कमांड लाइन बिल्कुल स्पष्ट होनी आवश्यक हो गई है। उन्होंने आगे लिखा कि उत्तराखंड में इस समय भाजपा के विरोध में हमें अपना चेहरा घोषित करना आवश्यक है, ताकि मतदाता तद्नुसार अपना मन बना सके।