पिथौरागढ़ : एक बार फिर से एक मासूम को गुलदार ने अपना निवाला बनाया. मासूम का शव घर से कुछ दूरी पर क्षत-विक्षत हालत में मिला. शव को देख मां सहित परिवारवालों और गांव वालों का कलेजा मानो फस सा गया. मासूम आंगन में खेल रहा था.
मिली जानकारी के अनुसार तहसील मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर विरगोली ग्राम पंचायत के सौली गांव निवासी मयंक खाती रविवार की शाम करीब 5 बजे घर के आंगन में अकेला खेल रहा था। इस दौरान ही घात लगाकर बैठे गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। गुलदार उसे उठाकर ले गया। बच्चे की चीख सुनकर परिजन सहित ग्रामीण बाहर निकले तो गुलदार को बच्चे को उठा कर ले जाते देखकर उसका पीछा किया। घर से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर बच्चे का शव मिला।
वहीं ग्रामीणों ने इसकी सूचना राजस्व विभाग और वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही गंगोलीहाट से पटवारी विजय पंत, वन दरोगा मोहन जोशी, देवेन्द्र मेहरा और कमलेश कार्की पहुंचे। शव को कब्जे में लिया।
इस घटना से ग्रामीण दहशत में हैं। गांव में गुलदार नजर आने की शिकायत के बाद भी वन विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जाने से ग्रामीणों में जबरदस्त गुस्सा है। ग्रामीण एसडीएम और वन रेंजर के मौके पर आने की माग कर रहे है। वन रेंजर मनोज सनवाल ड्यूटी में पिथौरागढ़ है। ग्रामीण बच्चे के शव का पोस्टमार्टम चौपाता अस्पताल में कराने की माग कर रहे है। मयंक के पिता गजेंद्र खाती देहरादून में प्राइवेट फर्म में जॉब करते हैं। घटना के बाद से मां बेसुध है।
बता दें कि ये इस इलाके का पहला मामला नहीं है बल्की दो महीने पहले बेरीनाग तहसील के काडे किरौली में गुलदार ने घर में मा के पास दूध पी रहे तीन वर्षीय बच्चे को घर से उठा कर मार डाला था। उससे पूर्व पिथौरागढ़ में एक महिला को मारा था। लेकिन वन विभाग ने कोई सुध नहीं ली. लगातार गुलदार बच्चों को निवाला बना रहा है लेकिन अभी तक वन विभाग और सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. आखिर कब तक मां की गोद यूं ही सूनी होती रहेगी. समय रहते सरकार को और विभाग को जरुरी कदम उठाने चाहिए.