देहरादून : सरकार की कथनी और करनी में कितना अंतर है अगर ये देखना है और उसकी सच्चाई जाननी है तो आप सहस्त्रधारा रोड स्थित गुरु राम राय स्कूल के पास चले जाइए. आपको पता लग जाएगा की सरकार सिर्फ जनता को लुभाने और अपनी वाह-वाही के लिए मात्र घोषणा करती है..जिसकी जमीनी सच्चाई कुछ और ही है. जी हां सरकार के दावे की सच्चाई आज देहरादून के सड़क किनारे दिखाई दी. कहते हैं भले किसी को इज्जत न दे पाओं लेकिन किसी को बेइज्जत करने का हक भी किसी को नहीं है.
देहरादून के सहस्त्रधारा की तस्वीर, सरकार के दावे की सच्चाई आई सामने
जी हां देहारदून से सहस्त्रधारा रोड स्थित गुरु राम राय स्कूल के सामने गाय माता दर्दनाक स्थिति में मरी पड़ी है…आस पास के कुत्ते गौ माता को नोंच-नोंच कर खा रहे हैं लेकिन किसी भी अधिकारी या सरकार के नुमाइंदे की नजर गौ माता पर नहीं पड़ी. खबर लिखने तक गाय इसी स्थिति में थी. सही कहा है तस्वीरें बोलती है सब सच्चाई सामने बयां करती है.
सरकार ने गौ माता को घोषित किया राष्ट्रमाता
गौर हो की बीते महीने सरकार ने विधानसभा में बैठे गाय माता को राष्ट्रमाता घोषित करके इसका प्रस्ताव केंद्र के लिए भेजा है…लेकिन अगर केंद्र की मोदी सरकार के नुमाइंदे उत्तराखंड के देहरादून में आकर अगर गाय माता की ये दयनीय स्थिति देखेंगे तो जरुर फटकार लगाएंगे..क्योंकि गाय की सुरक्षा तो छोड़िए मरने पर उसे जानवर खा रहे हैं लेकिन उसकी सुध किसी को नहीं.
सरकार ने विधानसभा की गद्देदार कुर्सियों में बैठकर गाय माता को राष्ट्रमाता तो घोषित किया लेकिन…
सरकारें कई घोषणाएं करती है और कई बड़े-बड़े दावे भी करती है लेकिन धरातल पर कितने काम हुए वो दिखते हैं…और सिर्फ लुभावने वादे करना कभी कभी सत्ता धारी सरकार को भारी भी पड़ जाता है जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ता है. राज्य की त्रिवेंद्र सरकार ने विधानसभा के अंदर गद्देदार कुर्सियों में बैठकर गाय माता को राष्ट्रमाता घोषित तो कर दिया लेकिन कभी हाल जाना क्या स्थिति है असल में गाय की.
लापरवाह बना नगर निगम
अगर बात करे देहरादून नगर निगम की तो निगम की भी बड़ी लापरवाही इसमें सामने आती है क्यों नगर निगम की ही जिम्मेदारी है कि मृत पड़ी गौ माता को वहां से उठाने की…देखने वाली बात होगी की अब सरकार इसका ठीकरा किस पर फोड़ती है??