देहरादून- उत्तराखंड सरकार ने विधायकों और मंत्रियों के वेतन-भत्तों में भारी इजाफा कर माननीयों को गदगद कर दिया है।
विधायकों के वेतन में तीन गुना व भत्तों में दो से छह गुना वृद्धि की गई है। विधायक का वेतन 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपये किया गया है। वहीं मंत्री का वेतन 45 हजार से बढ़ाकर 90 हजार रुपये और विधानसभा के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का वेतन 54 हजार से बढ़ाकर 1.10 लाख रुपये किया गया है।
गौरतलब है कि बजट सत्र के दौरान सदन में सरकार ने इसके लिए उत्तराखंड राज्य विधान सभा विविध (संशोधन) विधेयक पारित किया गया। इसमें मंत्रियों व विधायकों के वेतन-भत्तों में संशोधन किया गया । इसमें पगार में इजाफे के साथ-साथ अब विधायकों का निर्वाचन भत्ता 60 हजार से बढ़ कर डेढ़ लाख रुपये हो गया है। वहीं फोन का बिल तीन हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये, जबकि विधानसभा आने के लिए प्रतिदिन मिलने वाला भत्ता दो हजार से तीन हजार किया गया है। वहीं मेडिकल दो हजार रुपये से बढ़ाकर 12 हजार रुपये किया गया है।
इतना ही नहीं अब राज्य के विधायकों को भवन निर्माण के लिए 50 लाख रुपये और वाहन खरीद के लिए 15 लाख का ऋण दिया जाएगा। इनकी ब्याज की दरें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के समान रहेंगी। इसके अलावा इनकी प्रतिवर्ष पेंशन के रूप में अब 20 हजार के स्थान पर 40 हजार रुपये जमा होंगे। पांच वर्ष बाद इन्हें दो लाख रुपये पेंशन के रूप में दिए जाएंगे।
इनके अन्य भत्ते 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये किए गए हैं। इस प्रकार विधायकों को अब प्रतिमाह तकरीबन 2.75 लाख रुपये मिलेंगे। अब तक उन्हें हर महीने वेतन-भत्तों के रूप में 1.57 लाख रुपये मिलते हैं।
मंत्रियों के वेतन भत्तों में भी भारी बढ़ोतरी की गई है। उनका वेतन 45 हजार से बढ़ाकर 90 हजार किया गया है। मंत्री के रूप में मिलने वाले उनके अन्य भत्ते भी बढ़ाए गए हैं। अलग-अलग मदों में मिलने वाले भत्ते 42 हजार से बढ़ाकर 84 हजार, 36 हजार रुपये से बढ़ाकर 72 हजार और 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 40 हजार रुपये किए गए हैं। चिकित्सा व ऋण आदि की सुविधाएं सामान्य विधायकों के समान ही होंगी। बहरहाल सरकार के इस फैसले से सभी विधायक गदगद हैं जबकि जनता में एक बार विधायक बनने की हसरत पालने लगी है।