उत्तरकाशी: उत्तराखंड में तापमान में भले ही गिरावट आ रही हो, लेकिन जंगल तापतान बढ़ा रही है। आग की घटनाओं में तेजी से इजाफा हो रहा है। वन विभाग आग की घटनाओं पर काबू पाने में असहाय नजर आ रहा है। आलम यह है कि जंगल की आग अब गांवों तक पहुंचने लगी है। उत्तरकाशी में एक छानी जलकर राख हो गई। उसमें रखा सामान और लोगों की कीमती लकड़ियां भी जल गई।
आलम यह है कि जिले में अब तक 35 हेक्टेयर से अधिक जंगल जल चुका है और वन विभाग कंट्रोल बर्निंग की बात कह रहा है। उत्तरकाशी में अक्टूबर मध्य से जंगलों में आग लगनी शुरू हो गई थी। वन विभाग खुद ही वनों का दुश्मन बना हुआ है। विभाग कंट्रोल बर्निंग के नाम पर नीचले क्षेत्रों से ऊपर की ओर लगा रहा है, जिससे आग और अधिक विकराल हो रही है। 25 दिनों के अंतराल में आग लगने की 60 से ज्यादा घटनाएं सामने आ चुकी है।
शनिवार की रात डुंडा रेंज के रनाड़ी गांव के निकट आग पहुंच गई। आग की चपेट में छानी आ गई। छानी जल कर राख हुई। ग्रामीणों ने वन कर्मियों की लापरवाही के कारण छानी में आग लगने का आरोप लगाया है। बीती देर रात को वन विभाग की ओर से लगाई गई कंट्रोल बर्निंग की आग रनाड़ी गांव के चैकी नामे तोक तक पहुंची। जिसमें, रनाड़ी गांव निवासी बिशन चंद रमोला की छान जल कर राख हो गई।