बागेश्वर : उत्तराखंड सैन्य बहुल राज्य है। उत्तराखंड में औसतन हर घर से एक व्यक्ति सेना में है।उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों की तादाद डेढ़ लाख से ऊपर है. इसके अलावा सेवानिवृत्त सैनिकों की तादाद भी काफी है। अगर किसी का सेना से सीधा ताल्लुख नहीं है, तो कोई नाते-रिश्तेदार फौज में हैं। ऐसे में हर परिवार किसी न किसी रूप में खुद को इन हालात से जोड़ रहा है। वर्तमान समय में भी उत्तराखंड के लोग देश की सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं।
वहीं एक वीर जवान ऐसा है जो सेना में बतौर अधिकारी के तौर पर नियुक्त हुआ है जो कई सैनिकों को देश की रक्षा के लिए गाइड करेगा और खुद भी दुश्मनों से लड़ेगा. हम बात कर रहे हैं बागेश्वर जिले के आरे-द्वारसों गांव निवासी अर्जुन सिंह खड़ाई की जो की सेना में लेफ्टिनेंट बन गए है. वो गांव के पहले ऐसे शख्स हैं जो की सेना में सीधे लेफ्टिनेंट बने हैं. पूरे गांव में जश्न का माहौल है। गांव में पहला लड़का सेना में लेफ्टिनेंट बना है।
पिता सूबेदार मेजर रिटायर्ड
मिली जानकारी के अनुसार इस गांव में तकरीबन 70 परिवारों से सेना से कोई न कोई है और या रिटायर्ड हैं. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब गांव का कोई बेटा सीधे कमीशन लेकर अफसर बना है। बता दें कि अर्जुन के पिता सूबेदार मेजर चंदन सिंह खड़ाई हैं और मां गृहणी हैं. अर्जुन उनका इकलौता बेटा है जो की सेना में रहकर देश की रक्षा करेगा. एक बहन है जो की एमएसी कर रही है.
अर्जुन के पिता का कहना है कि अर्जुन शुरु से ही सेना के माहौल में पला-बढ़ा और पढ़ा। 12वीं की परीक्षा केंद्रीय विद्यालय से 95 प्रतिशत अंकों से पास की. बताया कि अर्जुन में सेना में जाने की ललक बचपन से थी। अर्जुन ने केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई पूरी कर पंतनगर विश्वविद्यालय से बीएसी की जिसके बाद वो एग्रीक्लचर के क्षेत्र में जाने की तैयारी में था लेकिन इस बीच अर्जुन का सीडीएस में चयन हो गया जिसके बाद वो ट्रेनिंग में चले गए और सेना में अधिकारी बनें।