बता दें कि लगातार तीन दिनों से तेज आंधी और हवाओं के साथ होने वाली बारिश और कहीं-कहीं ओलावृष्टि से खेत में खड़ी गेहूं की फसल और सरसों की फसल बिल्कुल बर्बाद हो गई है जिसके बाद किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं और अब वह बर्बाद फसलों के मुआवजे की मांग करने लगे है। किसानों को अभी तक उनका गन्ने का बकाया भुगतान नहीं मिल पाया है जिसको लेकर किसान आंदोलन भी कर रहे हैं और सरकार से अपनी मांग ज्ञापन के जरिए कर रहे हैं। तो ऐसे में किसानों के सामने दूसरी बड़ी परेशानी इन तीन दिनों में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने पैदा कर दी है। किसान अपनी फसलों जिसमें खेतों में खड़ी सरसों की फसल गेहूं की फसल तैयार थी,वह इस बारिश और ओलावृष्टि से खेत में ही बर्बाद हो गई किसान अपनी फसलों को देखकर मुरझाए हुए हैं. उनके सामने रोजी-रोटी के लाले पड़ गए हैं।
किसानों का कहना है कि इन फसलों के बर्बाद होने से हम भुखमरी की कगार पर आ गए हैं। वहीं सरकार से अब किसान गुहार लगा रहे हैं कि सरकार प्रति बीघा के हिसाब से हमें बर्बाद फसलों का उचित मुआवजा देने का काम करें।