पिथौरागढ़: भातर-नेपाल के बीच आवाजाही अब आसान नहीं होगी। लाॅकडाउन के दौरान से ही इस पुल को बंद किया गया है। अब भारत-नेपाल को जोड़ने वाले झूलापुलों से अब बिना पास के एक-दूसरे देशों में आवाजाही नहीं हो सकेगी। दोनों देशों में स्थानीय प्रशासन स्तर से पास बनाए जा रहे हैं। दोनों देशों के प्रशासन ने यह कदम पुल खुलने पर हो रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उठाया है।
कोरोना को देखते हुए भारत-नेपाल को जोड़ने वाले झूलापुल मार्च में बंद कर दिए गए थे। तब से भारत-नेपाल के बीच आवागमन सामान्य नहीं हो पाया है। लोगों के अनुरोध पर दोनों देशों के प्रशासन की सहमति के बाद कुछ समय के लिए झूलापुल खोले जा रहे हैं। मार्च के बाद से धारचूला, बलुवाकोट, जौलजीबी और झूलाघाट के पुलों को लगभग तीन बार नेपाल के भारतीय पेंशनरों के लिए खोला गया है। पुल खुलते ही दोनों देशों के बीच आवागमन के लिए भारी भीड़ जुट रही है। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
अब दोनों देशों के प्रशासन ने आवागमन करने वाले लोगों के लिए पास अनिवार्य कर दिया है। पास दिखाने के बाद ही एक दूसरे देश में प्रवेश करने दिया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए नेपाल से भारत आने वाले सभी नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम पुल पर तैनात की गई है। धारचूला झूलापुल से भारत-नेपाल के बीच आवागमन करने के लिए उसी दिन का पास दिखाना होगा। पुराना पास होने पर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।