देहरादून(मनीष डंगवाल)- उत्तराखंड के शिक्षा विभाग की आंखो पर ऐसी पट्टी बंधी हुई है कि उसे छात्रों का भविष्य नजर ही नहीं आता। शिक्षा विभाग में शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं और इसका रोना अक्सर विभागा रोता रहता है,लेकिन विभाग को हजारों पद खाली होने के बाद भी ये मालूम नहीं है कि किस स्कूल में शिक्षक की जरूरत है और किसमें नहीं…यही वजह है कि शिक्षक संगठन की हड़ताल के दौरान संगठन के महामंत्री सोहन सिंह माजिला का तबादला शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद ऐसे स्कूल में कर दिया गया जहां सोहन सिंह माजिला के विषय का पद रिक्त ही नहीं है…ऐसे में शिक्षा विभाग पर सवाल उठता है कि क्या विभाग को इस बात की जानकारी नहीं थी कि जिस स्कूल में उनका तबादला किया जा रहा है,वहां पद रिक्त नहीं है।
शिक्षा मंत्री के आदेश का खुल्ला उल्लंघन
राजकीय शिक्षक संगठन ने जब हड़ताल की थी तो शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय को लगा कि हड़ताल से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और छात्रों के भविष्य को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने सोहन सिंह माजिला का तबादला राज्य परियोजना कार्यालय देहरादून से नैनीताल जिले के राजकीय इंटर काॅलेज छोई कर दिया ,साथ ही सोहन सिंह माजिला के साथ संगठन के वर्तमान अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष का भी ताबदला किया गया…संगठन के वर्तमान अध्यक्ष के.के डिमरी का तबदला एक स्कूल से दूसरे स्कूल में किया गया लेकिन पूर्व अध्यक्ष राम सिंह चैहान को भी डायरेक्ट देहरादून से टिहरी जिले के फकोट इंटर काॅलेज में भेज दिया गया। लेकिन शिक्षा मंत्री ने ट्रांसफर करने और शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर आदेश जारी करने के पीछे की जो वजह बताई उसमें स्पष्ट उल्लेख था कि शिक्षक की कमी को देखते हुए विभाग ने तीन ट्रांसफर किए हैं। लेकिन विभाग पर सवाल खड़ा ये होता है कि जिस स्कूल में शिक्षक की जरूरत की नहीं थी, उस स्कूल में विभाग ने अपने आदेश और शिक्षा मंत्री के निर्देश का पालन क्यों नहीं किया।
जितने पद खाली उतने शिक्षक मौजूद
खबर उत्तराखंड को जब इस बात की जानकारी लगी कि राजकीय शिक्षक संगठन के महामंत्री सोहन सिंह माजिला का जहां तबादला किया गया है, वहां पहले की उनके विषय के पद भरे हुए हैं तो फिर इस की तहकीकात खबर उत्तराखंड की टीम ने की…
जिसके मुताबिक हमें ये जानकारी मिली थी कि छोई इंटर काॅलेज में सामिजक विज्ञान यानी जिस विषय के अध्यापक सोहन सिंह माजिला हैं, उस विषय के छोई इंटर काॅलेज दो शिक्षक पहले से ही तैनात हैं, लेकिन जब हमने और ज्यादा जानकारी इस मामले में जुटाई तो पता चला कि छोई इंटर काॅलेज में छात्र संख्या को देखते हुए 3 पद स्वीकृत हैं और 3 पद भरे हुए हैं। एसे में चौथे शिक्षक के रूप सोहन सिंह माजिला का तबादला भी इसी स्कूल में कर दिया गया। जिसे कहा जा सकता है कि शिक्षा विभाग ने आंखों पर पट्टी बांधकर सोहन सिंह माजिला का ट्रांसफर किया है। और अगर शिक्षा विभाग के पट्टी न बंधी होती तो शिक्षा विभाग ऐसे स्कूल में सोहन सिंह माजिला का ट्रांसफर करता जहां वास्तव में छात्रों को सामाजिक विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षक की जरूरत होती और छात्रों को सामाजिक विषय का ज्ञान भरपूर मिल पाता।
जब तक थी हड़ताल तभी तक थी विभाग को बच्चों के भविष्य की चिंता
सवाल विभाग पर ये भी उठ रहे है कि शिक्षकों की कुछ मांगों को शिक्षा मंत्री ने मान लिया है लेकिन हड़ताल खत्म करने को लेकर जिस उद्देश्य से तीन तबादले किए गए थे, उनमे से संगठन के अध्यक्ष और महामंत्री ने अभी तक स्कूल ज्वाॉइन ही नहीं किया है…ऐसे में सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या शिक्षा मंत्री हो या शिक्षा विभाग जब शिक्षक हड़ताल पर थे, तभी उन्हें छात्रों के भविष्य की चिंता थी और अब हड़ताल खत्म हो गई और शिक्षक संगठन के पदाधिकारी स्कूल नहीं जा रहे हैं तो छात्रों के भविष्य की चिंता विभाग और मंत्री की खत्म हो गई है।