गदरपुर(गौतम सरकार) : उत्तराखंड को एक बार फिर से कृषि कृमण पुरुस्कार मिला है. कर्नाटक में पीएम मोदी ने सीएम त्रिवेंद्र रावत और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को पुरुस्कृत किया। वहीं इस दौरान उत्तराखंड के दो किसानों को भी सम्मानित किया गया. लेकिन उत्तराखंड के कई किसान इन दिनों परेशान हैं और सरकार से आस लगाए बैठे हैं.
किसानों के चेहरे पर छाई मायूसी
दरअसल उधमसिंह नगर जिले के गदरपुर-दिनेशपुर क्षेत्र में देर रात अचानक हुई तेज बारिश किसानों के मटर के खेत में पानी आ जाने के कारण मटर की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई जिस कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है। तो वहीं इसके बाद किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
किसानों की मटर की खेती बर्बाद
आपको बताते चलें कि इस बार बेमौसम बरसात से किसानों की मटर की खेती बर्बाद हो गई है। इससे किसान के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई है। किसान परेशान हताश है और सरकार से मुआवजे की आस लगाए बैठे हुए हैं।
देर रात बरसात होने से मटर की फसल को नुकसान
फसल बर्बादी पर किसान ने कहा कि पिछली बार हुई बरसात से मटर की फसल को भारी नुकसान हो गया था और इस बार की बरसात में मटर की जड़े सड़ गई है और इसमें बिल्कुल भी मटर का दाना नहीं आया है. किसान ने कहा कि इस बार मटर की फसल से सभी किसान कर्जदार बन गए हैं. साथ ही किसान ने कहा कि प्रति एक एकड़ में 25000 से 30000 का नुकसान किसानों को हो चुका है और इस बार किसानों की लागत का पैसा भी मटर की फसल से भरपाई नहीं हो पाएगी। इस लिए किसानों ने सरकार से मटर की फसल में हुई नुकसान का भरपाई करने के लिए मुआवजे की मांग की।
सरकार से मुआवजे की आस लगाए बैठे किसान
किसान किशोर कुमार का कहना कि कल रात के बरसात से मटर की फसल पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। मटर के बीच और मटर तुलाई का जो मूल्य है वो भी नहीं निकल पा रहा है. बताया कि किसान फसल बीमा के नाम पर पीवीएम जमा करते हैं लेकिन मुआवजे के नाम पर उन्हें कुछ नहीं मिलता है। इसलिए सरकार को इस बार इस और ध्यान देना चाहिए क्योंकि किसान इस बार हताश है और सरकार से मुआवजे की आस लगाए बैठे हैं।