देहरादून : उत्तराखड़ के दुर्गम क्षेत्रों जीवन यापन करने वाले लोगों का जीवन आज भी मुश्किलों भरा है। पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को ना तो बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाती है और ना ही बेहतर सड़क, पानी बिजली और शिक्षा. हालांकि सरकार ने कई दावे किए जो धरातल पर नहीं दिखाई दिए। आज भी युवा रोजगार ने होने के कारण शहर की ओर रुख कर रहे हैं। वहीं शिक्षा के लिए निजी स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं जिससे पहाड़ में गांव खाली हो रहे हैं औऱ सरकार का ध्यान उस ओर नहीं है। सरकार योजनाओं पर काम तो करते हैं लोकिन मात्र फाईलों तक जिसका खामियाजा दुर्गम क्षेंत्रों में रह रहे लोग लोगों को होता है।
वहीं एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही चयन सेवा आयोग से 763 डॉक्टर मिलेगें जो कि दुर्गम और अति दुर्गम क्षेंत्रों में अपनी सेवाएं देंगे। हालांकि अब तक कई जगहों पर डाक्टरों को सरकार पहाड तो भेज चुकी है लेकिन कई जगह डॉक्टरों ज्वॉइनिंग नहीं की है जिस कारण मरीज परेशान हो रहे हैं और शहरों की ओर रुख कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती है।