मिली भगत का आरोप
वहीं यूनिवर्सिटी के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ ने 3 वर्षो से चल रहे गतिरोध के सन्दर्भ में अपना पक्ष रखा। जिसपर हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के साथ ही राज्यपाल द्वारा भी सोसायटी के पक्ष निर्णय आने पर भी अभी तक गतिरोध बना हुआ है।उनका आरोप है की निदेशक क्योंकि डीजी की पत्नी हैं इसलिए सचिव से लेकर सरकार भी मिली हुई है. अब हम लोग कोर्ट की अवमना का नोटिस देने के लिये जाने को मजबूर है।
यूनिवर्सिटी की निदेशक अलकनंदा का बयान
वहीं इस मामले पर यूनिवर्सिटी की निदेशक अलकनंदा का कहना है कि रविन्द्र जुगरान की गई प्रेस काॅन्फ्रेंस द्वारा उन पर झूठा आरोप लगाया गया है. अलकनंदा का कहना है कि मनगढंत व निराधार आरोप उन पर लगाये गये हैं। अलकनंदा का कहना है कि महिला प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व संविदा कर्मियों से सम्बन्धित सभी प्रकरण निस्तारित कर दिये हैं औऱ मेरे वकील द्वारा रविन्द्र जुगरान को मानहानी का नोटिस दिया जा रहा है। उनका कहना है कि संस्थान द्वारा मा0 उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पूर्णतः पालन किया जा रहा है।