देहरादून : सीएम त्रिवेंद्र रावत का एक गोपनीय पत्र इन दिनों चर्चाओं का विषय बना हुआ है और हो भी क्यों न सीएम की गोपनीयता जो भंग की गई है. जिससे सीधे सवाल एसएसपी और एसएसपी कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों पर खड़ा हो रहा है.
संपादक को किया था गिरफ्तार
दरअसल पर्वतजन पोर्टल के संपादक शिवप्रसाद सेमवाल को बीते दिनों सहसपुर पुलिस ने घर से गिरफ्तार किय़ा था जिसके बाद पत्रकाऱों सहित पूरे देहरादून और उत्तराखंड में हड़कंप मच गया था. पत्रकारों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए इस गिरफ्तारी को साजिश के तहत गिरफ्तारी बताया था और कहा कि ये सीएम कार्यालय से दबाव बनाकर पत्रकार शिवप्रसाद सेमवाल को गिरफ्तार कराया गया है. ये मामला पूरे उत्तराखंड और पुलिस विभाग में चर्चा का विषय तो बना ही साथ ही मामला दिल्ली दरबार तक पहुंचा.
सीएम ने दिया था गोपनीय पत्र जारी कर कार्रवाई करने का आदेश
वहीं इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पर्वतजन न्यूज पोर्टल के पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल की गिरफ्तारी के मामले में संज्ञान लिया है। उन्होंने देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी से जांच रिपोर्ट मांगी है। सीएम कार्यालय की ओर से सीएम के वरिष्ठ निजी सचिव हेमचंद्र भट्ट द्वारा एक गोपनीय पत्र जारी कर शिव प्रसाद सेमवाल पर पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही के संदर्भ में जवाब मांगा है कि आखिर किन परिस्थितियों में ऐसा कदम उठाया गया? इसके साथ-साथ इस पूरे प्रकरण में एक निष्पक्ष जांच का भी आदेश दिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय के इस आदेश के बाद तत्काल एक जांच बिठा दी गई। डिप्टी एसपी मुख्यालय लोकजीत सिंह को इस गिरफ्तारी की जांच सौंपी गई।
सीएम का गोपनीय पत्र हर किसी के फोन में,सोशल मीडिया में
यहां तक तो ठीक था लेकिन जब सीएम का गोपनीय पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो सनसनी फैल गई. सीएम का गोपनीय पत्र हर किसी के फोन में पहुंच गया. जिसके बाद सवाल यहीं उठता है कि सीएम का गोपनीय पत्र आखिर लीक कैसे हो गया? सीएम का ये गोपनीय पत्र एसएसपी कार्यालय से आखिर किसने लीक किया? क्योंकि ऐसे गोपनीय पत्र एसएसपी की कस्टडी में रहते हैं तो आखिर इतनी बड़ी चूक एसएसपी और एसएसपी कार्यालय से कैसे हो गई?
आखिर मुख्यमंत्री के पत्र की गोपनीयता किसने भंग की?
सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर मुख्यमंत्री के पत्र की गोपनीयता किसने भंग की? जिसका पुलिस विभाग को संज्ञान लेना चाहिए ताकि आगे से ऐसी बड़ी चूक न हो.