पिथौरागढ़: उत्तराखंड में अफसरशाही किस कदर बेलगाम हो गई इस अंदाजा इस वीडियो को देखकर लगाया जा सकता है. इस में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को किस कदर पीटपीटर बाहर भगाया जा रहा है.
एसडीएम ने व्यक्ति को पीटा
जी हां मामला पिथौरागढ़ का है…जहां एसडीएम बेलगाम होते दिखाई दिए…हालांकि अब इस एसडीएम का तबादला पौड़ी हो गया है. हम बात कर रहे है एसडीएम संतोष कुमार पांडे की. जिसने न्याय मांगने आए व्यक्ति को न्याय दिलाने का न तो भरोसा दिया और न आश्वासन हां लेकिन लात-घूसे जरुर दिए. इसका कसूर इतना है कि ये एसडीएम साहब के होते हुए न्याय मांगने की जुर्रत कर रहा है। और अगर माना की न्याय मांगने आए व्यक्ति की कुछ गलती थी भी लेकिन सजा देने का हक कानून को है. न की किसी अफसर को.
ये है मामला
आपको बता दें सरेआम जिस फरियादी को पीटा जा रहा है उसका नाम मनोज कुमार है। मनोज कुमार का कहना है कि देहरादून में पढ़ाई के दौरान 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को बम से उड़ाने की धमकी के मामले में पुलिस ने उसे झूठा फंसाया और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. मनोज कुमार ने यह भी बताया कि पुलिस के टार्चर से उसके दोनों कानों के पर्दे भी खराब हो गए। और उनका पूरा जीवन खराब हो गया है। इसी केस में वह 6 साल तक अदालतों के चक्कर काटने के बाद 2016 में बरी हुआ है। अब मनोज कुमार की मांग है कि इस दौरान जो उसे आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा उसकी भरपाई की जाए और उसे झूठा फंसाने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जाए। अपनी इस मांग को लेकर वो न्याय की देवी कोटगाड़ी के मंदिर में बिछुघास पर अनशन पर भी बैठा था लेकिन उसे अफ़सरों ने उठा दिया। इसके बाद जब वह दोबारा डीएम के जनता दरबार में गया तो डीएम ने एएसडीएम को बुलाया और एसडीएम संतोष पांडे ने इसके साथ गुंडों की तरह मार कुटाई की और नया मुकदमा और दर्ज कर दिया। मनोज कुमार पिथौरागढ़ जिले के तहसील बंगापानी के सिलिंग गांव का रहने वाले हैं।