हल्द्वानी: सुशीला तिवारी मेडिकल काॅलेज और पुलिस के कारनामे से ऐसा हुआ कि जो परिजन पहले से ही परेशान थे। उनको इतना परेशान किया कि वो चक्कर काटते रहे। मृतक व्यक्ति को महिला दिखाकर गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट बना दी। लापरवाही के कारण परिवार को भी दर-दर भटकना पड़ा। परिवार को दोबारा पीएम रिपोर्ट मिलेगी।
बरेली रोड निवासी 32 साल के धर्मवीर सक्सेना मकानों में पुताई का ठेका लेता था। लंबे समय से मानसिक तनाव में चल रहे धर्मवीर ने नौ सितंबर को घर पर ही लकड़ी की बल्ली से फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। बेस में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित किया था। जिसके बाद पुलिस ने बाॅडी का पोस्टमार्टम करवाया। लेकिन, मेडिकल काॅलेज से कोतवाली पहुंची रिपोर्ट में मरने वाले व्यक्ति की वेशभूषा महिला की कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आखिर रिपोर्ट बनाने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर से लेकर पुलिस की नजर इस गलत रिपोर्ट पर क्यों नहीं पड़ी।
मेडिकल कालेज से कोतवाली पहुंची रिपोर्ट को हासिल करने के बाद परिजन जब डेट सर्टिफिकेट बनाने के लिए गए तो पता चला कि रिपोर्ट गलत है। मरने वाला युवक था। जबकि रिपोर्ट में लिखा था कि मौत के दौरान सलवार, कमीज पहना था। अंदरूनी कपड़ों में भी महिला वस्त्रों का जिक्र था। इसके अलावा साढ़े पांच फीट के युवक की लंबाई भी चार फीट दस इंच कर दी गई।