देहरादून: भारतीय नेवी को मजबूती देने के लिए नेवी की घातक पनडुब्बियों में लगने वाली पेरिस्कोप का निर्माण अब देहरादून में किया जाएगा। इसके लिए डीआरडीओ देहरादून में ओपट्रोनिक मस्ट इंटीग्रेसन-बे प्लांट लगा दिया गया है। इसका शुभारंभ रडीआरडीओ की महानिदेशक जे. मंजुला ने किया।
उन्होंने डीआरडीओ की दूसरी प्रयोगशाला डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स एप्लिकेशन लैबोरेटरी का दौरा भी किया। आईआरडीई के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ.पुनीत वशिष्ठ ने पेरिस्कोप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक अरिहंत जैसी परमाणु पनडुब्बी के लिए भी फ्रांस से पेरिस्कोप मंगाए जा रहे हैं।
देहरादून में नया प्लांट लगने के बाद अब भारत में ही इसका निर्माण संभव हो सकेगा। उन्होंने बताया कि समुद्र के भीतर संचालित होने वाली पनडुब्बियों की निगरानी बेहतर हो पाएगी। क्योंकि पनडुब्बी के बाहर सिर्फ पेरिस्कोप का कुछ भाग निकला होगा, जो समुद्र के ऊपर एक सेकंड में करीब 50 बार 360 डिग्री में घूमता रहेगा और हर तरह की तस्वीर को कैद कर लेगा।