देहरादून : आप हैरान हो जाएंगे ये सुन और पढ़कर कि एक दारोगा बिन ड्यूटी किए औऱ घर में आराम फरमाए 25 महीने तक सैलरी लेता रहा लेकिन जब ये जानकारी डीआईजी के संज्ञान में आई तो दारोगा के लिए मुसीबत खड़ी हो गई। बता दें कि मामला तत्कालीन एसएसपी निवेदिता कुकरेती की तैनाती के समय का है। लेकिन इस अब ये मामला जैसे ही डीआईजी अरुण मोहन जोशी के संज्ञान में आया तो डीआईजी ने दारोगा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। दोषी रिटायर्ड पुलिस दारोगा की रिकवरी के आदेश दिए हैं। साथ ही इस मामले में रायवाला थाने के पूर्व इंचार्ज इंस्पेक्टर महेश चंद्र जोशी और मुंशी मनोज कुमार को भी दोषी माना गया है। दोनों को लाइन हाज़िर कर विभागीय कार्रवाई और दंड की कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
ऐेसे हुआ मामले का पर्दाफाश
मिली जानकारी के अनुसार अशोक कुमार रायवाला थाने में तैनात था और पुलिस अनुसार 6 दिसम्बर 2017 को तत्कालीन एसएसपी निवेदिता कुकरेती हरिद्वार से लौट रही थी। इसी दौरान उन्हें रस्ते में जाम मिला तो उन्होंने पता चला की दरोगा अशोक कुमार उस समय ड्यूटी पर है,लेकिन मौके पर मौजूद नहीं थे। एसएसपी ने अशोक कुमार को आरटी सैट के जरिए लाइन हाज़िर करने का आदेश दे दिया। इसके बाद अशोक कुमार न तो थाने पहुंचा और न ही पुलिस लाइन पंहुचा था। इसी दौरान अक्टूबर 2019 मामले का खुलासा तब हुआ जब हरिद्वार का एक व्यक्ति अशोक कुमार रिटायर्ड पुलिस कर्मी की शिकायत लेकर डीआईजी अरुण मोहन जोशी के पास पहुंचा। जब कर्मचारी के ड्यूटी स्थल का पता करवाया गया तो पता लगा कि पुलिस कर्मचारी को ड्यूटी पर गैर हाजिर रहने पर पूर्व एसएसपी ने पुलिस लाइन भेजा था। लेकिन वह पुलिस लाइन जाने की जगह घर पर ही बैठा रहा। मामले की जांच पुलिस सीओ डालनवाला विवेक कुमार ने की जांच में पुलिस कर्मचारी को आरोपित पाया गया। बीते 31 जनवरी को अशोक कुमार रिटायर्ड हो गया है इस तरह से गायब रहते ही उसने करीब 25 महीने का वेतन पुलिस महकमें से लिया है।
इस मामले में डीआईजी अरुण जोशी ने रायवाला थाने के पूर्व इंचार्ज निरीक्षक महेश चंद्र जोशी तथा हेड मुंशी मनोज कुमार को पुलिस लाइन संबद्ध कर दिया है। वहीं आरोपित पुलिस कर्मचारी को कार्य नहीं तो वेतन नही का नोटिस जारी कर रिकवरी का नोटिस जारी कर दिया है।