किच्छा/ अहमदाबाद। टीम इंडिया के क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह के दादा संतोख सिंह बुमराह की लाश गुजरात के साबरमती नदी में मिली है। 84 साल के संतोष सिंह बुमराह उत्तराखंड के जिला उधमसिंह नगर के किच्छा क्षेत्र से अहमदाबाद अपने पोते से मिलने के लिए पहुंचे थे। हालांकि जसप्रीत बुमराह से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी। काफी वक्त गुजर जाने के बाद भी वह वापस घर नहीं पहुंचे थे। इसके बाद पुलिस में उनके गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से संतोख सिंह की जानकारी हांसिल की।
अहमदाबाद फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के कर्मचारियों ने साबरमती नदी में गांधी ब्रिज और दधीचि ब्रिज के बीच से संतोख सिंह का शव निकाला। दरअसल जसप्रीत बुमराह का परिवार अपने दादा से अलग रहता है। मिली जानकारी के मुताबिक जब संतोख सिंह जसप्रीत बुमराह से मिलने अहमदाबाद पहुंचे तो वहां पर न तो किसी से उनसे बात की और न ही मुलाकात की। संतोख सिंह बुमराह की बेटी राजिंदर कौर बुमराह ने बताया कि उनके पिता बीते शुक्रवार से लापता हैं। वह अभी तक घर नहीं पहुंचे हैं। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू ही की थी कि साबरमती नदी में एक लाश होने की खबर मिली। पुलिस ने इस पूरे मामले की विस्तार से जांच शुरू कर दी है।
जसप्रीत बुमराह के दादा ऊधम सिंह नगर के किच्छा में ऑटो चलाकर करते थे गुजारा
अहमदाबाद में रहने वाली राजिन्दर कौर ने बताया कि जब वह अपने पिता के साथ जसप्रीत की मां दलजीत कौर से मिलने शहर के एक सिटी स्कूल में पहुंची तो वहां दलजीत कौर ने इनसे बात करने से मना कर दिया, यही नहीं उन्होंने जसप्रीत का फोन नंबर देने से भी मना कर दिया। राजिन्दर के मुताबिक उनके पिता इस घटना के बाद काफी उदास थे। वे शुक्रवार को दोपहर बाद घर से निकले और फिर वापस नहीं लौटे। बता दें कि जसप्रीत के दादा उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जनपद के किच्छा क्षेत्र में बेहद खराब हालत में अपनी जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं। यहां पर वह एक किराये के मकान में रहते थे और रोजी रोटी के लिए ऑटो चलाते थे।
सात साल में अपने पिता को खोने वाले जसप्रीत बुमराह ने अपनी जिंदगी में काफी उतार चढ़ाव देखे हैं।
बता दें कि कभी संतोख सिंह काफी अमीर आदमी थे और अहमदाबाद में इनकी तीन फैक्ट्रियां थी, लेकिन 2001 में जसप्रीत बुमराह के पिता जसवीर बुमराह की मौत हो गई। इसके बाद इस परिवार पर एक के बाद एक कई मुसीबतें आनी शुरू हो गईं। आर्थिक तंगी की वजह से उन्हें अपनी फैक्ट्रियां बेचनी पड़ी। हालात बिगड़ता देख संतोख बुमराह को अपना सारा कारोबार बेचकर उत्तराखंड आना पड़ा। इसके बाद कुछ पारिवारिक वजहों से जसप्रीत बुमराह की मां और जसप्रीत अपने दादा से अलग रहने लगे।