देहरादून : रेस्क्यू के लिए समय पर हेलीकॉप्टर सेवा का न मिलना उत्तराखंड में कोई नयी बात नहीं है. धूमाकोट बस हादसे में (47 लोगों की जान गई थी) इसकी पोल खुल चुकी है. वहीं एक बार फिर हेली सेवा को लेकर ऐसा हुआ मानों Sdrf के साथ भद्द मजाक किया गया हो.
सुबह से तैयार बैठी टीम लेकिन नहीं पहुंचा हेलीकॉप्टर
जी हां आपको बता दें IIT रुड़की के 24 सदस्यीय दल केदारनाथ ट्रेक के लिए निकला था और अचानक लापता हो गया…लापता दल को ढूंढ़ने और रेस्क्यू के लिए sdrf की एक टीम हेलीकॉप्टर से रवाना होने वाली थी और सुबह 09.30 बजे से रेस्क्यू पर जाने के लिए तैयार टीम खड़ी थी, लेकिन हेलीकॉप्टर पहुंचा ही नहीं. जी हां सहस्त्रधारा हेलीपेड मेें एसडीआरएफ की टीम हेलीकॉप्टर की राह देख रही थी और हेलीकॉप्टर आया ही नहीं।
मंत्री और विधायकों के सैरसपाटे के लिए नहीं हेलिकॉप्टर्स की कोई कमी
प्रदेश में मंत्री और विधायकों के सैरसपाटे के लिए हेलिकॉप्टर्स की कोई कमी नहीं है. लेकिन बात रेस्क्यू की आ जाये तो फिर संसाधन का रोना रोया जाने लगता है। खबर है कि सरकार का हेली कंपनी पर बकाया है जिसको न देने पर कंपनी ने सेवा देने स ेअपने हाथ खींच लिए औऱ इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.
दो टीमें रुद्रप्रयाग से रेस्क्यू के लिए रवाना की गई है
आपको बता दें कि टिहरी के गंगी से केदारनाथ ट्रेक के लिए करीब 24 सदस्यीय दल 21 सितंबर को रवाना हुआ था…जिससे अबतक संपर्क नही हो पाया है। हालाकिं दो टीमें रुद्रप्रयाग से रेस्क्यू के लिए रवाना की गई है लेकिन हाईएल्टीट्यूट के लिए एक्सपर्ट मानी जाने वाली देहरादून टीम रैकी के लिए नही जा पाई। उधर सरकार को किरकिरी से बचाने के लिए अब अधिकारी टीम के देहरादून से न जाने की बात कह रहे हैं।