देहरादून: सरकार भले ही कोरोना की जांच में तेजी के निर्देश जारी कर रही हो, लेकिन ऐसा नजर नहीं आ रहा है। इसका सबसे बड़ा करण देरी से मिलने वाली रिपोर्ट हैं। सैंलप लेने के बाद रिपोर्ट 24 और 48 घंटे में देने के निर्देश खुद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिए हैं। लेकिन, रिपोर्ट आने में पार-पांच दिन तक लग रहे हैं। इसके चलते सैंपलों की जांच का बैकलाॅग भी लगातर बढ़ता जा रहा है।
सबसे बड़ी बात यह है कि रिपोर्ट देरी से आने के कारण मरीजों को इलाज भी देरी से शुरू हो रहा है, जिससे उनकी जान का खतरा भी हो रहा है। बावजूद इसके जांच में तेजी नहीं लाई जा रही है। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर बढ़ रही है। इसे देखते हुए सरकार ने सैंपलिंग बढ़ा दी है। हर दिन 12 से 13 हजार मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। रिपोर्ट 10 से 11 हजार मरीजों की ही आ पा रही है।
a
राज्य की लैब पर कोरोना सैंपल का दबाव लगातार बढ़ रहा है। हालत यह है कि 14-15 हजार से अधिक सैंपलों की जांच होना अभी बाकी है। इस वजह से लोगों की रिपोर्ट में देरी हो रही है। खासकर दूर दराज के सैंपल को लैब तक लाने में देरी हो रही है। इस वजह से लोगों को रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पा रही।