गैरसैंण: ग्रिष्माकालीन राजधानी गैरसैंण बजट सत्र की शुरूआत के साथ गैरसैंण में सियासी महाभारत भी शुरू हो गई है। राज्यपाल के अभिभाषण के साथ जहां सत्र की शुरूवात हुई है,वहीं राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष ने एक साथ कई सवाल खड़े किए है। गैरसैंण में उत्तराखंड विधान सभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिषाण के साथ सत्र की शुस्वात हुई लेकिन पिपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण से पहले की वाॅकआउट कर दिया। महंगाई के मुद्दे को सदन में जहां विपक्ष उठाना चाहता था।
सरकार की मानें तो पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के चलते ये संभव नहीं था, लेकिन विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण से पहले सदन से इसलिए भी वाॅकआउठ कर दिया कि विपक्ष के विधायकों को राज्यपाल के अभिभाषण से पहले भाषण की काॅफी नहीं दी गई। उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा का कहना है कि सरकार सदन में गलत परम्पराओं को जन्म दे रही है।
राज्यपाल के अभिभाषण से पहले भाषण की प्रति विपक्ष के विधायकों को न दिया जाना गलत है। साथ ही करण माहरा का कहना है कि राज्यपाल का अभिभाषण झूठ का पुलिंदा है, जो काम सरकार ने किए हैं, उनका कोई जिक्र राज्यपाल के अभिभाषण में नहीं है। बेरोजगारी दूर करने का कोई उपाय भाषण में नहीं है। राज्यपाल के अभिभाषण को विपक्ष ने झूठा पुलिंदा करार दिया है।
विपक्ष के रूख को लेकर संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक कहना है कि यह विपक्ष की समझ को दर्शाता है कि बिना अभिभाषण पढ़े विपक्ष ने सदन से वाॅकआउट कर दिया। विपक्ष अगर बजट भाषण को पढ़ता तो विपक्षी विधायकों की अंतरात्मा भी उन्हें वाॅकआउट नहीं करने देती। राज्यपाल के अभिभाषण से साफ दिखाई देता है कि प्रदेश सरकार किस तरह प्रदेश को नई उंचाईयों पर ले जाने के लिए काम कर रही है।
गैरसैंण में उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन जहां राज्यपाल के अभिभाषण से प्रदेश सरकार के 4 सालों के काम-काज और आने वाले समय में सरकार के द्वारा किए जाने वाले कार्यों की झलक देखने को मिली। वहीं, विपक्ष के कड़े तेवर ये साबित हो गया है कि इस बार के बजट सत्र में विपक्ष आक्रमक तेवत के साथ गैरसैंण पहुचा है, जहां वह सरकार को हर मोर्चे पर घेरने के लिए तैयार है।