ब्यूरो- उत्तराखंड के सोलह साल के सफर में राज्य ने कई उतार-चढाव देखे। 2012 में भाजपा के खंडूरी जरूरी का नारा भी भाजपा को सत्ता नहीं दिला पाया। कांग्रेस 2012 में बड़ी पार्टी बन कर उभरी हालांकि भाजपा के मुकाबले कांग्रेस को सिर्फ एक सीट ज्यादा मिली। भाजपा को 31 और कांग्रेस को 32 सीट नसीब हुई। सत्ता के जरूरी आंकड़े तक पहुंचने के लिए कांग्रेस को पहले उन निर्दलीयों की मदद मिली जिन्होंने चुनावी जंग में कांग्रेस से बगावत की थी। उसके बाद इनका साथ यूकेडी और बसपा ने भी दिया। सत्ता के समीकरण को साधने के लिए पहली बार राज्य में एक प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा (PDF) बना। इस पीडीएफ ने कांग्रेस का साथ दिया और कांग्रेस की सरकार बनी। सांसद विजय बहुगुणा ने तमाम विरोधों के बावजूद आलाकमान से सीएम पद का आशीर्वाद पा लिया।