देहरादून(मनीष डंगवाल) : उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार को दो पूरे होने जा रहे हैं लेकिन इन दो सालों में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कैबिनेट की खाली पड़ी दो कुर्सियों को नहीं भरा है. भाजपा के विधायक नए साल में खाली पड़ी कुर्सीयों को भरे जाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं लेकिन नए साल के पहले सप्ताह में ये उम्मीद सिर्फ उम्मीद बनकर ही रह गई है।
भाजपा के 14 नेताओं को दायित्व बांटकर नए साल का तोहफा दिया
नए साल से पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भाजपा के 14 नेताओं को दायित्व बांटकर नए साल का तौहफा दे दिया था. वहीं भाजपा के विधायक नए साल पर उम्मीद लगए बैठे थे कि नए साल के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री कैबिनेट के खाली पड़ी दो सीटों को भरेंगे। लेकिन नए साल के पहले सप्ताह में भाजपा विधायकों की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि मुख्यमंत्री ने दो कैबिनेट की खाली पड़ी सीटों को नहीं भरा है न ही कोई संकेत दिए हैं। भाजपा के कई विधायक मंत्री बनने को ख्वाब सजाएं बैठे हैं जिनकी उम्मीदों को नए साल की शुरूवात में तगड़ा झटका लगा है।
अजय भट्ट का बयान
हांलाकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट कहना कि ये मुख्यमंत्री का अधिकार है कि कब दो सीटे भरी जाएं लेकिन दो सीटों को तो भरा ही जाएगा. चाहे एक महीना लगे दो महीना या फिर लोक सभा चुनाव के बाद या पहले दो मंत्री पद भरे ही जाएंगे।
राज्यमंत्री धन सिंह रावत को प्रमोशन भी दिया जाएगा-सूत्र
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जहां दो खाली पड़ी मंत्री पद की कुर्सी भरने को लेकर असमंजस में हैं वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान से साफ होता है कि फैसला चाहिए मुख्यमंत्री को लेना हो लेकिन दो पद तो भरे ही जाएंगे। बताया तो ये भी जा रहा है कि जब भी त्रिवेंद्र मंत्रीमण्डल का विस्तार होगा उसमें राज्यमंत्री धन सिंह रावत को प्रमोशन भी दिया जाएगा। साथ ही कुमाऊं और गढ़वाल मण्डल का समीकरण साधते हुए एक मंत्री दोनों मण्डलों से बनेंगे यानी साफ है कि जब भी मंत्री मण्डल की खाली कुर्सियों भरी जाएंगी, क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को देखते हुए वही विधायक मंत्री बनेगी जो क्षेत्रीय और जातीय समीकरण पर फिट बैठते हों…हांलाकि राज्यमंत्री धन सिंह रावत का कहना कि ये मुख्यमंत्री का विवेक है, इसलिए वह इस पर कुछ नहीं कह सकते है।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना
भाजपा के विधायक जहां खुलकर मंत्री बनाए जाने को लेकर इसलिए सामने नहीं आ रही हैं कि कही उनके खुलकर सामने आने से मुख्यमंत्री या बीजेपी हाईकमान नाराज न हो जाए और मंत्री बनाने की आवाज को अनुशासनहीनता मानते हुए उनका पत्ता मंत्री बनाए जाने से काट दिया जाए. वहीं कांग्रेस तो इस बहाने कई बीजेपी विधायाकों के नाम लेकर मंत्री बनाने की वकालत कर रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना तो सीधे तौर से मुन्ना सिंह चौहान ,वंशीधर भगत और बिशन सिंह चौपालल को मंत्री बनाए जाने को योग्य बता रहे हैं।
कांग्रेस जहां मंत्री पद की खाली पड़ी दो सीटों को न भरपाने के लिए योग्य विधायकों के नाम अपनी तरह से आगे कर रही हैं…वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर तंज भरी कस रहे हैं कि मुख्यमंत्री के साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को अपने विधायक इतने योग्य नजर नहीं आ रहे कि वह मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाले। लेकिन देखना यही होगा कि आखिर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजेपी हाईकमान की रायसुमारी के बाद कब जा कर मंत्री पद की खाली पड़ी दो सीटों को भरते है।