लक्सर: आपने झोलाछाप डॉक्टरों के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन पशुओं के झोलाछाप डाॅक्टर कम ही सुने होंगे। लेकिन, यह पूरी तरह सच है। लक्सर क्षेत्र में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। ये झोलाछाप डाॅक्टर अपनी तो चांदी काट रहे हैं, लेकिन पशुपालक किसानों पर आफत बरपा रहे हैं। कई पशुपालकों के पशु बांझ हो गए हैं। पशुपालन विभाग भी मानता है कि क्षेत्र में झोलाछाप डाॅक्टर घूम रहे हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
लक्सर में झोलाछाप पशु चिकित्सकों की बढ़ती संख्या किसानों की परेशानी का सबब बन रही है। झोलाछाप पशु चिकित्सकों की वजह से किसानों के पशु क्षेत्र में बांझपन का शिकार हो रहे हैं। किसानों को अब अपने पशु बेचने पड़ रहे हैं। झोलाछाप पशु चिकित्सकों की वजह से पशुओं में बांझपन, खुरपका जैसी बीमारी पैदा हो रही है। पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान के लिए इन झोलाछाप पशु चिकित्सकों को सड़कों के किनारे खड़े कर पशुओं का सीमेन उपलब्ध करा रहे हैं। इसका कोई प्रमाण भी इनके पास नहीं है। जब विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई। वहां से भी निराशा ही हाथ लगी।
कुछ समय पहले देहरादून से आई एक टीम ने कुछ कार्रवाई की थी, लेकिन उसका प्रभाव कुछ नहीं पड़ा। झोलाछाप चिकित्सकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन डाॅक्टरों के दिए कितनी अजीब बात है हर बार ग्रामीणों से शिकायत मिलने के बाद भी पशु चिकित्सा विभाग झोलाछाप पशु चिकित्सकों पर कार्रवाई करने में नाकाम साबित होता नजर आ रहा है। बरहाल देखना होगा लक्सर में झोलाछाप पशु चिकित्सकों के आतंक से कब तक निजात मिल पाती है। या फिर यूं ही सरकारी संरक्षण में पल रहे झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक यूं ही चलता रहेगा ।