देहरादून: केंद्र की मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। केंद्र सरकार के इस सपने को साकार करने के लिए उत्तराखंड त्रिवेंद्र सरकार भी जुटी हुई है। कृषि क्षेत्र में सरकार लगातार काम कर रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रयासों से एक ओर राज्य में जहां खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा है, तो वहीं दूसरी ओर राज्य के किसानों की आय में भी इजाफा हुआ है। उत्तराखंड में कृषि की प्रगति को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है और पीएम मोदी द्वारा देश का प्रतिष्ठित कृषि कर्मण पुरस्कार भी मिला।
कृषि विभाग द्वारा संचालित की जा रही केंद्र पोषित और राज्य पोषित योजनाओं से आज किसानों को काफी फायदा मिल रहा है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए त्रिवेंद्र सरकार लगातार काम करती नजर आ रही है। जैविक उत्पाद की मांग आज राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ने लगी है। जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग और मूल्य को देखते हुए त्रिवेंद्र सरकार उत्तराखंड में जैविक खेती पर जोर दे रही है।
सीएम त्रिवेंद्र का लक्ष्य उत्तराखंड राज्य को जैविक प्रदेश के रूप में विकसित करना है। जैविक खेती में किसानों की लागत भले ही लगे, लेकिन उससे कई गुना ज्यादा किसानों को लाभ मिलता है। राज्य में जैविक कृषि प्रशिक्षण के लिए अल्मोड़ा में राजकीय जैविक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना भी की गई है। कृषि क्षेत्र में रोजगार की बात करें तो युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है। इन योजनाओं के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर व फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए जा रहे हंै, जहां किसानों को किराये पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाते हैं।
सरकार इन सेंटरों को खोलने के लिए आर्थिक मदद कर रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार क्लस्टर खेती को भी बढावा दे रही है। इसमें फल, सब्जी, फूल, जड़ी-बूटी और फलों की खेती की जाती है। क्लस्टर खेती करने वाला अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार दे सकता है, जिसके लिए त्रिवेंद्र सरकार मदद कर रही है। त्रिवेंद्र सरकार द्वारा किए गए इन्हीं सब प्रयासों का नतीजा ये है कि उत्तराखंड के किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हो रही है और कृषि को बढ़ावा मिल रहा है।