उधम सिंह नगर : ऊधम सिंह नगर के एक भाई को अपनी बहन को न्याय दिलाने के लिए दर-दर की ठोकरे खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ऑपरेशन बिगड़ने से हुई मौत के 3 सप्ताह बाद भी कोई कार्रवाई नही होने पर मृतिका के भाई ने एएसपी से गुहार लगाई है। वहीं युवक ने पुलिस और अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है। मृतिका के भाई का आरोप है कि कार्रवाही के बदले पुलिस ने उसे थाने से धमका कर भगा दिया। जिसके बाद वो एएसपी के पास पहुंचा
महिला का हुआ था पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन
आपको बता दें की काशीपुर की रहने वाली शशि नामक एक महिला का पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन 13 नवंबर को सिद्धिविनायक हॉस्पिटल काशीपुर में हुआ था। परिजनों को दूसरे अस्पताल में दिखाने के बाद पता लगा कि डॉक्टरों की लापरवाही के चलते पित्त की नली कट गई थी जिसके चलते महिला की लगातार तबीयत खराब रहने लगी उसके बाद जब डॉक्टर से इसकी शिकायत की। तब उन्होंने उस महिला का दोबारा ऑपरेशन करने की बात कही। सिद्धिविनायक के डॉक्टरों की टीम द्वारा 29 जनवरी को महिला का दोबारा ऑपरेशन किया गया उसके बाद भी महिला स्वास्थ्य नहीं हुई 3 महीने लगातार एक ही हॉस्पिटल में भर्ती रहने के बाद भी महिला घर जीवित नहीं लौटी।
21 फरवरी को हुई महिला की मौत
हॉस्पिटल में भर्ती के दौरान 21 फरवरी को महिला की मौत हो गई मृत महिला के भाई ने आरोप लगया की उनके जीजा और डॉक्टर के द्वारा बिना पोस्टमार्टम के ही महिला का शव घर भेज दिया गया।महिला के भाई ने महिला के पति और डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए एसपी काशीपुर को शिकायत पत्र देकर कार्यवाही की मांग की है। इतना ही नहीं बल्कि मृतिका के भाई ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि थाना कुंडा में वह शिकायत पत्र लेकर गया था लेकिन वहां कुछ उल्टा ही हुआ थाना कुंडा पुलिस ने उन्हें धमकाते हुए जेल में बंद कर दिया और मारपीट करते हुए थाने से भगा दिया।
पित्त की थैली मेंं पथरी के तीन ऑपरेशन कर डाले-भाई
मृतिका के भाई ने एक शिकायत पत्र दिया है जिसमें मेडिकल नेकलिशन की बात की गई है जोकि सीएमओ की टीम के द्वारा कराया जाता है. दीपक ने आरोप लगाया है कि उनकी बहन का सिद्धिविनायक हॉस्पिटल में 3 माह लगातार भर्ती कर पित्त की थैली मेंं पथरी के तीन ऑपरेशन कर डाले। उनकी बहन को उनके बहनोई और डॉक्टर की साजिश के चलते हत्या की गई है अब वह इंसाफ चाहते हैं।
महिला की मौत निमोनिया के कारण हुई-डॉ प्रियंक चौहान
सिद्धिविनायक हॉस्पिटल के स्वामी डॉ प्रियंक चौहान का कहना है कि शशि नाम की महिला 13 नवंबर को उनके हॉस्पिटल में भर्ती हुई थी लेकिन पित्त की थैली नली से चिपकने के कारण नली में इंजरी हो गई थी जिसके कारण उन्होंने बिना खर्चे के ही दोबारा ऑपरेशन कर दिया था। उनकी मौत निमोनिया के कारण हुई है और जो आरोप उन पर लगाए गए हैं वह उन्हें परेशान और बदनाम करने के लिए लगाए जा रहे है। महिला का पार्थिक शरीर मृतिका के पति के द्वारा पोस्टमार्टम न कराने की सहमति से लेकर गए हैं।