टिहरी : सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं के दुरुस्त होने के दावे करती रहे, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। गर्भवती महिलाओं को लेकर भी सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है। कोरोना काल में ऐसे कई माले सामने आ चुके हैं। ताजा मामला टिहरी जिले का है। एक महिला ने घर से 12 किलोमीटर दूर बच्चे सड़क पर जन्म दिया। गनीमत रही कि जच्चा और बच्चा दोनों ही सुरक्षित हैं।
जानकारी के अनुसार भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में प्रसव कराने की कोई सुविधा नहीं है। लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए ही करीब 50 किलोमीटर दूरी नापनी पड़ती है। मामला गुरुवार का है। निवालगांव निवासी नत्थे सिंह की गर्भवती पत्नी बसंती देवी को प्रसव पीड़ा हुई। गांव से पांच किलोमीटर दूर अति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बूढ़ाकेदार में डॉक्टर न होने पर परिजन उसे निजी वाहन से पिलखी अस्पताल लेकर जा रहे थे।
इस बीच गांव से करी 12 किलोमीटर दूर पदोखा के पास महिला ने सड़क किनारे बच्चे को जन्म दिया। मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। सीएमओ डॉ. सुमन आर्य का कहना है जिले में नर्सों की कमी है। ज्यादातर नर्सें कोरोना ड्यूटी में नैनात हैं। इसके चलते भी डाॅक्टरों की भी कमी है। सीएमओ से यह तर्क गले नहीं उतर रहा है कि कोरोना में ड्यूटी लगी है।