रुद्रप्रयाग : रंगों के त्यौहार यानी की होली की बाद कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ सकती है। जी हां मामला कई साल पुराना है। हम बात कर रहे हैं साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव की, जब हरक सिंह रावत कांग्रेस से रुद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव लड़े थे। उस दौरान कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर विधानसभा चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन करने और सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के साथ अभद्रता करने का आरोप लगाया गया था। वहीं मामले में हरक सिंह रावत रुद्रप्रयाग सीजीएम कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान उन पर शांति भंग करने, सरकार काम में व्यवधान डालने व धमकी देने का आरोप तय किए गए।
कोर्ट ने किए आरोप तय
वहीं मामले की अगली सुनवाई मार्च में होली के बाद होगी। तय आऱोपों को देखते हुए हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। 8 साल होने को है लेकिन अभी तक हरक सिंह रावत को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है क्योंकि बीते दिन कोर्ट ने आरोप तय किए हैं।
होली के बाद होगी सुनवाई
बता दें कि बीते दिन कैबिनेट मंत्री डा. रावत जिला मुख्यालय पहुंचे औऱ सौंड स्थित जिला न्यायालय में पेश हुए। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय में कैबिनेट मंत्री के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में आरोप तय हुए। अगली सुनवाई मार्च में होली के बादउन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 147 के तहत शांति भंग करने, 353 के तहत सरकारी कार्य में व्यवधान डालने और धारा 506 के तहत धमकी देने के आरोप तय किए गए।
2012 में ये लगे थे आरोप
बता दें कि 2012 में विधानसभा चुनाव के प्रचार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन और प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों पर अभद्रता का आरोप लगा था, जिसमें एफआईआर दर्ज की गई थी। मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद कैबिनेट मंत्री डा. रावत को समन भेजा गया था। बीते 14 फरवरी को डा. रावत रुद्रप्रयाग सीजीएम कोर्ट पहुंचे थे, जहां उन्हें मामले में जमानत मिल गई थी। वहीं त्रिवेंद्र सरकार द्वारा तीन बार केस वापस लिया गया और अपने मंत्री को बचाने की कोशिश की गई लेकिन कोर्ट ने इंकार करते हुए आऱोप तय किए और अगली सुनवाई होली के बाद होगी।