देहरादून: कोरोना संकटकाल में एक तरफ डाॅक्टर और नर्स लगातार कोरोना पाॅजिटिव हो रह हैं। दूसरी तरफ कोविड केसर सेंटर और नए बन रहे कोरोना अस्पतालों में स्टाफ की भर्ती का संकट गहराया हुआ है। इस संकट से पिनटने के लिए उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब अनुबंध पर चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ नर्स की सेवाएं लेने के संबंध में सचिव अमित नेगी ने महानिदेशक स्वास्थ्य को आदेश जारी कर दिया है।
इसके तहत तत्काल राज्य हित व जनहित में जिलाधिकारियों व प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज उत्तराखंड को राज्य सरकार किसी अन्य राज्य सरकार, भारत सरकार ,आर्मी मेडिकल कोर, पैरामिलिट्री, मेडिकल सेवाएं व पंजीकृत निजी चिकित्सकों की अनुबंध पर सेवाएं 28 फरवरी 2022 अथवा कोविड-19 रहने तक जो भी पहले हो तक रहेगी। ऐसे चिकित्सकों को एनएचएम द्वारा निर्धारित दरों पर मानदेय दे होगा। चिकित्सक की आयु 70 वर्ष से कम हो और जो शारीरिक रूप से पूर्ण स्वस्थ हो की सेवाएं ली जा सकेंगी।
इसके अलावा मेडिकल इंटर्न्स एमबीबीएस अंतिम वर्ष छात्रों को भी कोविड-19 में लिया जाएगा साथ ही इस अवधि में मेडिकल इंट्रेंस को एनएचएम द्वारा निर्धारित दर पर मानदेय देय होगा। एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों को एनएचएम द्वारा निर्धारित मानदेय का आधा देना होगा। वर्तमान में अतिरिक्त मानव संसाधन उपलब्ध कराए जाने के दृष्टिगत बीडीएस पासआउट दंत चिकित्सकों को भी आवश्यकता पड़ने पर कोविड-19 में लिया जाएगा और एनएचएम द्वारा निर्धारित दरों पर मानदेय दिया जाएगा।