देहरादून : कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना के कारण मौत के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि कोरोना मरीजों को गंभीरता से इलाज किया जा रहा है, लेकिन सरकार के दावों की पोल राजधानी देहरादून में ही खुल गई। यहां एक मरीज के परिजन उसे इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर काटते रहे, लेकिन किसीने भी इलाज नहीं किया, जिस कारण कारण उसकी मौत हो गई।
सांस लेने की समस्या से जूझ रहे कोरोना संक्रमित युवक को लेकर परिजन तीन अस्पतालों के चक्कर कटाते रहे, लेकिन कहीं भी उपचार न मिलने से उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि आईसीयू अगर खाली नहीं भी था तो डॉक्टर एक बार मरीज को देख कर ऑक्सीजन लगाने से उसकी जान बचा सकते थे। परिजनों के साथ मौजूद पूर्व विधायक राजकुमार ने परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार इंदिरा कॉलोनी चक्खुवाला निवासी युवक की कुछ दिन पहले मौत हो गई थी। इलाज के लिए सहारनपुर चौक स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 3 सितंबर को युवक का कोरोना सैंपल पॉजिटिव आया। युवक को दून अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल के डॉक्टरों ने आईसीयू खाली न होने की बात कह कर उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया। उसके बाद परिजन युवक को घर ले गए।
इसके बाद शनिवार को युवक की तबीयत और ज्यादा खराब हुई तो परिजन उसे लेकर पहले जौलीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल और फिर पटेलनगर महंत इंद्रेश अस्पताल ले गए। दोनों जगह भी आईसीयू में बेड खाली न होने की बात कहकर मरीज को लौटा दिया गया। इसके चलते युवक की मौत हो गई।