बागेश्वर: सरकार भले ही कितने ही दावे क्यों ना करे, लेकिन लोगों की दिक्कतें कम नहीं हुई हैं। सरकार ने लोगों को वापस लाने का दावा तो किया। लाखों लोगों ने पंजीकरण भी कराया। बावजूद सरकार उन लोगों को वापस नहीं ला पाई। कुछ दिन अभियान चलने के बाद धीमा हो गया। हालांकि सरकार अब फिर से घर वापसी का अभियान शुरू करने की योजना बना रही है। ऐसे कुमाऊं मंडल के अलग-अलग जगहों के 35 यवुाओं ने पैसा जमा कर बस ढाई लाख में बुक कराई और हल्द्वानी पहुंच गए।
कोरोना महामारी के कारण घर लौटने के लिए मजबूर जिले के प्रवासियों को ढाई लाख रुपये में मुंबई से बस बुक करानी पड़ी। प्रवासियों के हल्द्वानी पहुंचने के बाद प्रशासन ने उन्हें बागेश्वर तक रोडवेज की बस से भेजा। मुंबई और पुणे से बागेश्वर लौटे 35 प्रवासियों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद कामकाज बंद हो गया था। वह लोग डेढ़ महीने तक मुंबई और पुणे में फंसे रहे। घर लौटने के लिए उन सभी ने पैसे जमाकर ढाई लाख रुपये में मुंबई से हल्द्वानी तक बस बुक कराई। हल्द्वानी से बागेश्वर पहुंचे इन लोगों को बागेश्वर के विवेकानंद विद्या मंदिर में फैसिलिटी क्वारंटीन किया गया है। ये सभी युवक बागेश्वर और आपास के क्षेत्रों के रहने वाले थे। काफी इंतजार के बाद भी जब इनका नंबर नहीं आया, तो ये अपने खर्चे से ही वापस लौट आए।