देहरादून: केंद्र में भाजपा की सरकार है। देश के ज्यादातर राज्यों में भी बीजेपी ही सत्ता में है। प्रवासियों की घर वापसी की शुरूआत देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से हुई। उत्तराखंड सरकार ने भी ट्रेन और बसों से लोगों को वापस लाया। हालांकि यह भी सच्चाई है कि प्रवासी अपने संसाधनों से भी बड़ी संख्या में वापस लौटे और अब भी लौट ही रहे हैं। लेकिन बीजेपी के विधायक को इस पर ऐतराज है कि लोग वापस क्यों आ रहे हैं ?
बीजेपी के बद्रीनाथ से विधायक महेंद्र भट्ट अक्सर विवादित बयान देते रहते हैं। इस बार उन्होंने प्रवासियों को ही निशाने पर ले लिया। फेसबुक पर लिखी पोस्ट में उन्होंने प्रवासियों की घर वापसी को गलत ठहरा दिया है। उन्होंने लिखा है कि कुछ लोगों से काफी बड़ी गलती हो गई। मोदी जी की बात न मान कर। मोदी जी ने कहा था, इस बीमारी का इलाज यही है, जो जहां है, वहीं रहें। उत्तराखंड में दूसरे राज्य से आने वाले लोग रास्ते मे कोरोना पॉजिटिव हो गये। जबकि जहां थे वहां सुरक्षित थे। आज उनके परिवार एवम गांव को खतरा बन गया है। पता नहीं मुझे क्यों लग रहा है कि अब वो हो सकता है, जिसकी कल्पना उत्तराखंडी ने नहीं की थी। अब भगवान मेरे राज्य पर कृपा बनाये रखें।
सवाल ये है कि जो लोग वापस उत्तराखंड लौट रहे हैं, क्या वो उत्तराखंडी नहीं हैं ? महेंद्र भट्ट की पोस्ट की लास्ट लाइन को पढ़कर तो यही मायने निकाले जा सकते हैं। दूसरी बड़ी बात यह है कि वो किस आधार पर कह रहे हैं कि जो लोग लौटे हैं, वो सभी रास्ते में ही कोरोना पाॅजिटिव हुए हैं ? तीसरी बात ये है कि क्या लोगों को दूसरे राज्यों के राहत शिविरों में ही मरने के लिए छोड़ दिया चाहिए था ? एक और बात यह भी है कि महेंद्र भट्ट सीधेतौर पर सरकार के फैसलों पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। इससे यह मान जाना चाहिए की प्रवासियों की घर वापसी का फैसला केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गलत लिया है.
बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट कोई ना कोई विवादित बयान देते रहते हैं। लेकिन, प्रवासियों को लेकर दिए गए उनके बयान पर प्रवासी उत्तराखंड खासे नाराज हैं। लोगों का कहना है कि अपने ही राज्य के विधायक से उनको इस तरह की उम्मीद नहीं थी। विधायक की पोस्ट पर ही कई लोगों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये हैं। लोगों ने विधायकों को भी आड़े हाथों लिया है। पीएम केयर फंड और सीएम रिलीफ फंड पर भी सवाल उठाए हैं।