उत्तराखंड और चीन के बीच इन दिनों सीमा पर तनातनी चल रही है। वहीं उत्तराखंड राज्य की सीमाएं भी चीन बॉर्डर से मिलती है। जहां पर सेना की चौकसी इन दिनों बढ़ी हुई नजर आ रही है। लेकिन इन सब के बीच उत्तराखंड भाजपा के विधायक ने चीन सीमा पर सीमा दर्शन यात्रा कराने की मांग की है ताकि सीमा दर्शन यात्रा से चीन हमेशा के लिए भारत से डरा रहे।
भारत और चीन के बीच इन दिनों सीमाओं पर हालात सामान्य नहीं है। ग्लवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं की बीच हुई झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों पर इसका असर पड़ा है। बात अगर उत्तराखंड की करें तो उत्तराखंड के चमोली जिले के नीति माणा घाटी और बाड़ाहौती तो पिथौरागढ़ के लिपुलेख और मुन्यासारी के मिलम तो वहीं उत्तकाशी के निलांग क्षेत्र की सीमा चीन से मिलती है। जहां पर चीन की सीमाओं के रूख को देखते हुए भारत ने भी अपनी सेनाओं को मुस्तैद करने के साथ ही जवानों की तादाद भी बढ़ा दी है। वहीं उत्तराखंड के बद्रीनाथ से भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट ने चीन को भारत की ताकत दिखाने के लिए केंद्र सरकार से बड़ी मांग की है, जिसकेे तहत महेद्र भट्ट ने उत्तराखंड से लगती चीन सीमाओं पर बाॅर्डर दर्शन यात्रा शुरू करने करी मांग की है। ताकि उत्तराखंड के चीन बाॅर्डर पर पर्यटकों की आवाजाही से चीन भारत की उस ताकत को देखे की बाॅर्डर पर भारतीयों का आना जाना है और बाॅर्डर पर भारतीय सेना के जवान ही नहीं बल्कि भारत की द्धितिय पंक्ति की सेना भारत की जनता भी अपनी सीमओं को लेकर सजग है।
भाजपा विधायक का कहना है जिस तरह पाकिस्तान के बाघा बाॅर्डर पर टिकट देकर पर्यटकों से पाकिस्तान क्षेत्र से लगे सीमा के दर्शन कराएं जाते हैं, उसी तरह पर्यटकों से टिकट के माध्यम से चीन सीमा के दर्शन उत्तराखंड से सटे लगे बाॅर्डर से कराएं जाएं ऐसा करने से उत्तराखंड में पर्यटन को भी बढ़वा मिलेगा है,और बाॅर्डर दर्शन यात्रा को भी बढ़ावा मिलेगा।
उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश के रूप में भी जाना जाता है। कई पर्यटक क्षेत्रों साथ चार धामों के दर्शन करने लिए साल भार में लाखों श्रद्धालु जहां चार धामा यात्रा पर आते है तो वहीं लाखों पर्यटक पर्यटन क्षेत्रों में घुमने के लिए आते है,और यदि केंद्र सरकार उत्तराखंड से सटे चीन बाॅर्डर पर सही में सीमा दर्शन यात्रा शुरू करती है तो ये उत्तराखंड के पर्यटन के लिहाज से जहां सोने पर सुहाग हो जाएगा,वहीं देश की सीमा की सुरक्षा को लेकर भी ऐतिहासिक फैसला होगा।