देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र भले ही खत्म हो गया हो लेकिन भाजपा विधायकों ने इस बार बजट सत्र में कई बार किरकिरी कराई है, जिससे सवाल खड़ा होता है कि क्या सत्ता पक्ष के विधायक सदन की कार्रवाई को लेकर गंभीर नहीं हैं।
भाजपा विधायक सत्ता के नशे में मदहोश, बजट सत्र को लेकर नहीं कोई होश
उत्तराखंड के भाजपा विधायक सत्ता के नशे में इस कदर मदहोश हैं कि वह सदन की मर्यदाओं को सही से निर्वहन तक नहीं कर पा रहे हैं…जी हां बजट सत्र के दौरान कई बार शून्य काल में भाजपा विधायकों का आंकड़ा विपक्षी विधायकों के आंकड़े से कई बार कम आंका गया इसलिए भाजपा विधायकों पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या भाजपा विधायक संसदीय परम्परा को लेकर गंभीर नहीं हैं। सत्र के 6वें दिन शून्यकाल के दौरान जहां कांग्रेस विधायकों के 11 और 57 विधायकों वाली भाजपा सरकार के 9 विधायक ही सदन में मौजूद थे, जिस कारण 6वें दिन सदन की पटल से उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 संशोधन विधेयक पास नहीं हो सका और अगले दिन फिर भजापा विधायकों के संख्या बल ज्यादा होने पर संशोधन विधेयक पास हुआ. वहीं सदन के आखिरी दिन भी भाजपा विधायकों का कुछ यही हाल देखने को मिला. जब शून्यकाल में भाजपा विधायकों का आंकड़ा कांग्रेस विधयकों की संख्या से एक कम था।
इस तरह सदन से गैरहाजिर रहने को नेता प्रतिपक्ष ने बताया गंभीर
भाजपा विधायकों के इस तरह सदन से गैरहाजिर रहने को नेता प्रतिपक्ष ने गंभीर बताया। नेता प्रतिपक्ष का कहना कि भाजपा क अधिकतर विधायक सदन में पहली बार चुनकर पहुंचे हैं इसलिए संसदीय परंपरा हो या ज्यादा अनुभव और ज्ञान भाजपा विधायकों को सदन में ही बैठकर मिलेगा। सदन में पहुंचने के लिए नेताओं को तरसना पड़ता है, चुनाव जीत कर आना पड़ता है। इसलिए भाजपा विधयकों को सदन में हर समय मौजूद रहना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने भी की नाराजगी जाहिर
वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने भी भाजपा विधायकों के इस आचरण को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वह सभी सदस्यों से कहना चाहते हैं कि वह सदन में ज्यादा से ज्यादा विधायक मौजूद रहें. प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में ज्यादातर विधायक सदन से गैर हाजिर रहते हैं जिसमें विधाकयों को रहना चाहिए।
भाजपा विधायक सदन में सबसे ज्यदा सवाल उठाते हैं- प्रकाश पंत
वहीं शून्यकाल में भाजपा विधायकों की गैरमौजूदगी का सवाल जब संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत से पूछा गया तो प्रकाश पंत भाजपा विधायकों के आचरण को सुधारने के जगह भाजपा विधायकों को साबासी देते हुए कहने लगे कि भाजपा विधायक सदन में सबसे ज्यदा सवाल उठाते हैं और विधाई कार्यों के दौरान भाजपा के सभी विधायक सदन में मौजूद रहते हैं।
उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र भले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया हो लेकिन सदन के प्रति भाजपा विधायकों की बेरूखी ने कई सवाल खड़े कर दिए है,ऐसे में देखना ये होगा कि जब भी उत्तराखंड विधानसभा का सत्र होगा भाजपा विधायक उसमे सदन के प्रति अपना आचरण सुधार कर आते है या नहीं ।