उधमसिंह नगर : जसपुर क्षैत्र मे इंसानी खून का प्यासा हो चले गुलदार का आतंक थमने का नाम नही ले रहा हे। बीते कई माह से क्षैत्र मे गुलदार की देहषत बरकार हैं। अब तक कई लोगों पर जानलेवा हमला कर घायल कर चुके गुलदार ने एक बार फिर एक और ग्रामीण युवक पर हमला कर घायल कर दिया। लगातार हो रहे गुलदार के हमले से ग्रामीण खौफ जदा हो चले हैं।घायल का नगर के सरकारी अस्पताल मे ले जाकर इलाज कराया गया है। कुम्भकरर्णी नीद से जागा वन विभाग फिलहाल हरकत मे नजर आ रहा है।
जसपुर क्षैत्र के पतरामपुर बन रेंज मे इन दिनों गुलदार का खौफ लोगों के सिर चढकर बोलता नजर आ रहा है. खौफ का आलम यह है कि लोगों मे रात तो दूर की बात अब दिन में भी ग्रामीण अपने घरों से निकलने से भी कतराने लगे हैं।
बाइक सवार पर गुलदार ने मारा झपट्टा
इसी खैाफ के बीच कल देर सांय एक बार फिर गुलदार ने एक और बाईक सवार ग्रामीणों पर झपट्टा मार कर घायल कर दिया गनीमत यह रही कि हो युवक घायल होने के बावजूद बाईक छोड़ कर भाग कर चीख पुकार कराता हुआ पास के ही किसान के घर जा पहुंचा। लहूलुहान युवक को ग्रामीणों ने अस्पताल भर्ती करा कर उस का प्राथमिक उपचार कराया।घटना बीती देर सांय की हेै. तीरथ नगर निवासी मलकीत सिंह बाइक से सवार हो कर शहर से आने घर जा रहा था कि तभी डाम के समीप खेत मे बैठे गुलदार ने अचानक हमला बोल दिया। प्राथमिक उपचार के बाद युवक को छुट्टी दे दी गई।
बीते एक माह मे गुलदार आधा दर्जन से अधिक ग्रामीणों पर हमला
गुलदार के लगातार बढ़ते हमले लोगों के लिये अब बड़ी परेशानी का सबब बन चले हैं। बीते एक माह मे गुलदार आधा दर्जन से अधिक ग्रामीणों पर हमला कर उन को घायल कर चुका है। खौफ के साये में जी रहे ग्रामीण अब अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहे हैं। लोगों मे देहशत इस कदर घर कर चुकी है कि जहाॅ ग्रामीण अब जहां अपने बच्चों को घरों से बाहर निकालने से कतराने लगे हैं।
लोग घर में कैद रहने को मजबूर
वहीं लोग अपने खेत खलियानों में जाने से डर रहे हैं. साथ ही शाम होते ही लोग अपने घरों में केद होने को मजबूर हो रहे हैं। हद तो यह है कि दिन में भी कमावेश यही आलम रहता है। बीते कई माह से चेन की नींद सोया वन विभाग फिलहाल जागा नजर आ रहा है। सूचना के बाद घटना स्थल पर पहुॅच कर पर्चे बांट कर ग्रामीणों नसीहतें देता नजर आ रहा है और घातक हो चुके गुलदारों को कैमरों के सहारे पकड़ने की वकालत कर रहा है। इसी के साथ वन विभाग गुलदार को पकड़ने की कोशिश में भी है। फिलहाल वन विभाग के यह प्रयास कब तक सफल होते हैं और ग्रामीण में घर कर चुके गुलदार के आतंक के खौफ से लोग कब तक बहार निकल पाते हैं.