देहरादून : 2013 में उत्तराखंड में आई आपदा के बाद पुनर्निर्माण कार्यों और सहायता राशी घोटले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बहार आ चुका है, जिससे उत्तरांड की सियासत एक बार फिर गर्म होने लगे लेकिन इस बार आपदा घोटाले की जांच तथ्यों के साथ लोकपाल से कराएं जाने को लेकर मांग उठने लगी है।
बड़ा घोटाला आया सामने
देवभूमि उत्तराखंड के माथे पर आपदा के नाम पर हुआ घोटाला किसी कलंक से कम नहीं है। आपदा घोटाले ने जहां उत्तराखंड का नाम पूरे देश के साथ विश्व में बदनाम किया वहीं एक बार फिर से आपदा घोटाले में नया मोड़ सामने आया है। पहले जहां आपदा के दौरान मंहगे दामों पर दूध खरीदने, चौपहिया वाहन की जगह दोपहिया वाहन में तेल भरे जाने के खुलासे हुए थे…वहीं इस बार जो राशि केंद्र सरकार के द्धारा उत्तराखंड को मिली उसमें ही बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है.
केंद्र से भेजी गई आपदा सहायता राशि प्रदेश सरकार के आंकड़ों से मेल नहीं खाती-आरटीआई
जी हां आरटीआई कार्यकर्ता रमेश जैसवाल ने आरटीआई में मांगी जानकारी के तहत खुलासा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के द्धारा आपदा सहायता राशि के नाम पर जो राशि भेजी गई वह वह प्रदेश सरकार के आंकड़ों से मेल नहीं खाती है जिससे साफ जाहिर होता कि सहायता राशि के नाम पर बड़ा घोटाला केंद्र से चली राशि में हुआ है। रमेश जैसवाल का कहना कि उनके द्वारा आरटीआई के जरिये ये जानना चाहा कि केन्द्र सरकार से कितनी राशि सहायता राशि उत्तराखंड को आपदा राहत कार्यों के लिये मिली जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने 9171 करोड़ रूपये दिए जाने की बात कही.
प्रदेश सरकार के द्वारा बताई गई राशि की जानकारी
वहीं यही सवाल जब उन्होंने उत्तराखंड सरकार से आरटीआई के जरिय पूछा तो प्रदेश सरकार ने पांच हजार सात सौ सताईस (5727) करोड़ रूपये केंद्र सरकार से मिलने की बात कही यानी साफ है कि जो पैसा केद्र सरकार ने प्रदेश को भेजा और वह प्रदेश सरकार के आंकड़ों में नहीं है तो फिर पैसे कहा गया ये अपने आप में बड़ा सवाल है।
घोटले की शिकायत लोकपाल से
रमेश जैसवाल का कहना कि 5 हजार करो़ड़ के घोटले की शिकायत अब वह लोकपाल में करने जा रहे हैं. केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार जीरो टाॅयलेंस पर काम कर रहे हैं तो उन्हे भी इसकी जांच करानी चाहिए। उत्तराखंड में जब आपदा घोटाला हुआ था तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी इसलिए घोटाले की शंका कांग्रेस की ओर भी घूमती है लेकिन ये दुर्भाग्य ही है कि उस समय कांग्रेस सरकार में जो मुख्यमंत्री थे वह अब भाजपा में हैं इसलिए कांग्रेस घोटाले से पीछा छुड़ाते हुए कह रही है कि भाजपा को पूर्व सीएम विजय बहुगुणा से पूछना चाहिए कि 5 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा की राशि कहा गायब हो गई।
पूर्व सीएम विजय बहुगुणा का बयान
वहीं कांग्रेस के द्वारा घोटाले के बारे पूर्व सीएम विजय बहुगुणा से पूछे जाने पर भाजपा का कहना कि जब कांग्रेस ने पूर्व सीएम विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री से हटाया था तो फिर हरीश रावत ने विजय बहुगुणा से क्यों नहीं पूछा केंद्र और प्रदेश में जीरो टाॅलरेंसस की सरकार चल रही है…भ्रष्टाचार को लेकर जो भी मामला सामने आएगा उस पर कार्रवाई जरूर होगी।
घोटाले का मामला लोकपाल की चौखट पर
कुल मिलाकर जब उत्तराखंड में आपदा घोटाले की बात सामने निकलकर आती है तो उत्तराखंड की सियासत गर्म हो जाती है,लेकिन इस बार घोटाले का मामला लोकपाल की चौखट पर जाने वाला है, जिससे उम्मीद है कि जो घोटाला आपदा में हुआ है उसका पर्दाफाश होगा लेकिन देखना यही होगा कि आखिर लोकपाल में मामला दर्ज होने के बाद किस तरह से लोकपाल में आपदा घोटाले की जांच होती है।