टनकपुर। डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम इंजीनियिरंग कॉलेज प्रबंधन द्वारा अतिथि शिक्षकों के साथ बड़ा छलावा करने का मामला सामने आया है, जहाँ संस्थान ने पहले तो मानदेय देने में लटका दिया और उसके बाद 30 से 50 फीसदी की कटौती कर दी l इतना ही नहीं नये सेमेस्टर से उन्हें पढ़ाने के लिए भी नहीं बुलाया जा रहा है। जिससे आक्रोशित अतिथि शिक्षकों ने एसडीएम हिमांशु कफल्टिया से गुहार लगाई l एसडीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक को कड़ा पत्र लिख वैधानिक कार्यवाही करने को कहा है l
एसडीएम से क्या फरियाद की अतिथि शिक्षकों नें
इंजीनियरिंग कॉलेज के अतिथि शिक्षकों ने एसडीएम को प्रेषित पत्र में गुहार लगाई है कि उन्होंने कॉलेज में विगत 23 मार्च से कक्षाओं का संचालन किया था l उन्हें 30 अप्रैल तक का मानदेय तो मई माह में दे दिया गया। लेकिन उसमें 25 फीसदी की कटौती की गई। कारण मालूम करने पर आश्वासन दिया गया कि कटे हुए वेतन का भुगतान कॉलेज खुलने पर कर दिया जाएगा। इसके बाद पाठ्यक्रम को जून माह में पूरा कर दिया गया। लेकिन वेतन देने में तीन माह का विलंब किया गया। अनेको बार अनुरोध करने पर 18 सितंबर को जून माह तक के वेतन का भुगतान किया गया। परंतु उसमे से भी 30 से 50 प्रतिशत तक की कटौती कर दी गई। उन्होंने जब कटौती का कारण पूछा तो संस्थान की ओर से कोई संतोष जनक जवाब नहीं दिया गया।अब संस्थान द्वारा प्राइवेट कॉलेज के माध्यम ये शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। सभी शिक्षकों को संस्थान द्वारा भ्रम में रखा गया। कोरोना काल में संस्थान ने उनका मानसिक शोषण किया है।
क्या एक्शन लिया एसडीएम ने
एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने अतिथि शिक्षकों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक को पत्र लिख कर कहा है कि कोविड—19 के संक्रमण के दौरान शिक्षकों का वेतन आहरित न करना केंद्र व राज्य सरकार की ओर से दिए गए शासनादेशों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने निदेशक को निर्देश दिए हैं कि वे शासनादेशों के निर्देशों का पालन करते हुए वेतन देने की कार्यवाही करें और कृत कार्यवाही से उन्हें भी अवगत कराया जाए।
इस मामले में क्या सफाई देते है संस्थान के निदेशक
इस संबंध में इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक अमित अग्रवाल का कहना है कि अतिथि शिक्षकों को टाइम टेबल व लेक्चर के हिसाब से जो उनका मानदेय बनता था, उसका भुगतान कर दिया गया है। अतिथि शिक्षकों की ओर से जो अतिरिक्त भुगतान की बात कही जा रही है, उसके लिए उनसे आनलाइन क्लासेज व उपस्थिति के संबंध में जरूरी प्रपत्र 30 सितंबर तक जमा कराने को कहा गया है। उनके प्रपत्र जमा होने के बाद ही उनका वेरीफिकेशन किया जाएगा। तत्पश्चात ही अग्रिम कार्यवाही अस्तित्व में आएगी l
बताते चलें कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक भले ही एक बार फिर लच्छेदार सफाई देकर मामले को टरकाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं, लेकिन उन्हें यह ध्यान तो रखना ही होगा कि नवागत एसडीएम हिमांशु कफल्टिया एक्शन मोड में है, बकाया भुगतान करने की जिम्मेदारियों से संस्थान बच नही पायेगा l