देहरादून : निजी स्कूलों के फीस मामले में हाईकोर्ट के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने किसी तरह का दखल नहीं देने की बात कहते हुए स्कूल एसोसिएशन और अन्य स्कूलों की याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को याथावत रखा, जिसके बाद अब राज्य सरकार भी हरकत में आ गई है।
कोर्ट के आदेश के तहत सरकार ने निजी स्कूलों के फीस लेने पर रोक के फैसले से जुड़ी शिकायतों को सुनने के लिए सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पदेन लोडल अधिकारी बनाया है। शिक्षा विभाग के निर्देशों में कहा गया है कि कोर्ट के डिसीजन के अनुसार स्कूल केवल ट्यूशन फीस ले सकेंगे। कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा पाएगा। इसमें कहा गया है कि अगर कोई अभिभव समय से फीस नहीं दे सकता है, तो स्कूल को उनको अतिरिक्त समय देना होगा।
आदेश कहा गया है कि अगर कोई अभिभावत बच्चों की फीस नहीं दे पा रहा है, तो बच्चे को स्कूल से निकाल नहीं सकेंगे। अगर कोई स्कूल आॅनलाइन पढ़ाई कराए बगैर भी फीस के लिए दबाव डालते हैं तो उनके खिलाफ पूर्व में जारी शासनदेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। निदेश के कहा गया है कि शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई से पहले स्कूलों का पक्ष सुना जाएगा।