देहरादून : वर्दी चाहे कोई भी हो…सेना की हो या पुलिस की या किसी भी अन्य फोर्स की…अगर कोई उस पर हाथ उठाता है तो खून खौल उठता है…ऐसा ही कुछ करने का विचार उन पुलिसकर्मियों के जहन भी आया होगा जब एक कैबिनेट मंत्री के सात सैकड़ों की भीड़ पहुंची और वर्दी पर हाथ उठाया लेकिन क्या करें कानून का पालन जो करना है…जनता की, देेश की औऱ मंत्रियों की रक्षा करने वालों को हक ही नहीं है अपने आत्मसम्मान की रक्षा करने की.बड़ी अजीब बात है.
वर्दी पर वर्दीधारी ही नहीं उसके पूरे परिवार को गर्व होता है
एक वर्दी धारी घर से जब वर्दी पहन कर निकलता है तो उसकी मां, उसकी पत्नी औऱ बच्चों को गर्व महसूस होता है कि उसका बेटा, उसका पति और उनके पापा पुलिस ऑफिसर हैं…लेकिन मंत्रियों की शह में कुछ लोग ऐसी वर्दी पर हाथ उठाते हैं वो भी कैबिनेट मंत्री के सामने जो की बेहद शर्मनाक है. जब मंत्री ही अपनी मर्यादा भूल जाए तो जनता को क्या कहा जाए.
पुलिस से भी होती है कई गलतियां लेकिन वर्दी पर हाथ उठाना कतई सही नहीं
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लगने के बाद हर नागरीक, हर मंत्री-विधायक-कार्यकर्ता और पुलिस का कर्तव्य है कि वो उसका उल्लंघन न करें और ऐसा करने वाले को कानून कार्यवाही की जाए. लेकिन जब देश-राज्य की कमान संभालने वाले ही इसका उल्लंघन करे और सैकड़ों की भीड़ चौकी लेजाकर चौकी इंचार्ज से मारपीट करे तो ऐसे लोगों के लिए क्या सजा होनी चाहिए आप ही बताईये. म ये नहीं कहते कि पुलिस की कभी गलती नहीं होती..होती है लेकिन वर्दी पर हाथ उठाना कतई सही नहीं है.
पुलिस टीम ने दबिश देकर चार डंपर किए थे सीज
गौर हो की बीते दिन यानी मंगलवार सुबह करीब पांच बजे जुड़का में अवैध खनन की सूचना पर चौकी प्रभारी अर्जुन गिरि के नेतृत्व में पुलिस टीम ने दबिश देकर चार डंपर सीज कर दिए। डंपरों को चौकी में लाकर खड़ा करा दिया गया। इसके विरोध में दर्जनों खनन कारोबारी कुंडेश्वरी स्थित हाईडिल कॉलोनी में एकत्र हो गए। सूचना पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय भी आ गए। यहां से खनन कारोबार से जुड़े करीब 150 लोग शिक्षा मंत्री के नेतृत्व में कुंडेश्वरी पुलिस चौकी पहुंच गए।
चौकी प्रभारी को भीड़ में खींचने की कोशिश की, चौकी इंचार्ज बाथरूम में घुस
चौकी प्रभारी अर्जुन गिरि पर गंभीर आरोप लगाते हुए कुछ खनन कारोबारियों ने उनसे गालीगलौज, धक्कामुक्की और हाथापाई शुरू कर दी। चौकी प्रभारी को भीड़ में खींचने का प्रयास भी किया गया। इस पर गिरी भागकर बाथरूम में घुस गए और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। इस बीच सीओ मनोज कुमार ठाकुर और कोतवाल चंचल शर्मा भी मौके पर पहुंच गए। दोनों अधिकारियों ने मामले की जांच का भरोसा दिलाया, इसके बाद सभी लोग लौट गए।
सत्ताधारी नेताओं पर मुकदमा दर्ज होना न होना एक समान, ठेस पहुंची वर्दी को
हालांकि इसके बाद कैबिनेट मंत्री समेत कइयों पर मुकदमा दर्ज भी किया गया…कद्दावर नेताओं और सत्ताधारी सरकार के नेताओं पर मुकदमा दर्ज होना न होना एक समान है लेकिन ठेस तो उस वर्दी को पहुंची है जिसे पहनने ले पहले उसने ड्यूटी इमानदारी से करने की शपथ ली थी लेकिन उसे क्या पता था कि राज्य की बागडोग जिनके हाथों में है, जिनकी रक्षा के लिए हर जगह वो तैनात रहते हैं वहींलोग उनका अपमान करेंगे.
दाल में कुछ काला नहीं बहुत कुछ काला है
सैकड़ों की भीड़ में वो वर्दी इतनी डर सहम गई की उसे बाथरुम में जाकर छुपना पड़ा औऱ उसके बाद भी मंत्री खनन कारोबारियों के पक्ष में नजर आए…जिससे साफ होता है कि दाल में कुछ काला नहीं बहुत कुछ काला है.
अगर भीड़ को न लाकर मंत्री जी ने खुद आकर आराम से बात की होती तो, क्या है कारोबारियों से कनेक्शन
हर जगह हर रैली में, हर कार्यक्रम में, हर चौकी थाने, चौराहे में, दिन हो या रात, सर्दी हो या गर्मी, बारिश हो या उमस हर जगह पुलिसकर्मी ड्यूटी देता है ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे और इस तरह से उनका अपमान करना कहां से सही है…अगर भीड़ को न लाकर मंत्री जी ने खुद आकर आराम से बात की होती तो बात इतनी नहीं बढ़ती और न वर्दी का अपमान होता औऱ न मुकदमा. जिससे कई सवाल खडे हो रहे हैं कि मंत्री का खनन कारोबारियों सेक्या कनेक्शन है.
नके खिलाफ दर्ज किया नामजद केस
अरविंद पांडे (शिक्षा मंत्री), दीपक बाली, बलविंदर सिंह, गुरनाम सिंह, मगा सिंह, सतनाम सिंह, रवींद्र सिंह, गुरमीत सिंह, जितेंद्र सिंह, राज, प्रमोद, अनमोल अग्रवाल, भगत प्रधान, बिट्टू, सोनू चौधरी, मकलीत, गुरपेज सिंह, माणिक गिल, जोगेंद्र।
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दीपिका रावत