देहरादून: लोकसभा चुनाव पार्टियों के अलावा नेताओं के लिए भी खास होता है। चुनाव परिणामों का सीधा प्रभाव उनके पूरे राजनीतिक जीवन पर पड़ता है। कई बार एक हार या एक जीत किसी नेता का पूरा जीवन बदलकर रख देती है। ये लोकसभा चुनाव भी उत्तराखंड में कुछ नेताओं का भविष्य तय करने जा रहे हैं। उन्हीं नेताओं में से एक हैं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत। जिन्होंने खुद को साबित किया। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रदेश में राजनीति की एक धुरी बनने के साथ ही मजबूत स्तंभ भी बनते जा रहे हैं।
त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाए जाने से पहले तक किसीको उम्मीद नहीं थी कि उनको सीएम बनाया जाएगा। लेकिन, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ काम करने का अनुभव उनके काम आया। अमित शाह त्रिवेंद्र सिंह रावत की क्षमता से वाकिफ थे। पार्टी ने उनपर भरोसा जताया और मुख्यमंत्री बना दिया। ये वो टर्निंग प्वांइट है, जिसने त्रिवेंद्र सिंह रावत को नया आयाम दिया। इस लोकसभा चुनाव में उन पर किए गए उस भरोसे की परीक्षा भी थी, जिसमें वो पूरी तरह सफल रहे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सत्ता संभालते ही प्रदेशहित के फैसले लेने शुरू किए। उन्होंने सबसे पहले भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार किया। एनएच-74 मामले में उनके कड़े फैसलों के कारण कई अधिकारियों को जेल की हवा तक खानी पड़ी। दो आइएएस अधिकारियों के निलंबन का कड़ा और बड़ा फैसला लिया। पर्यटन के क्षेत्र में 13 जिले 13 डेस्टिनेशन हो या फिर कोई दूसरी योजना। हर योजना की खुद निगरानी की। प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए इन्वेस्टर समिट कराई। समिट के तहत करोड़ों के एमओयू साइन किए गए। जिसका लाभ आने वाले दिनों में प्रदेश को मिलेगा। इनके अलावा कई दूसरी योजनाएं भी तैयार की हैं, जिनका प्रदेश को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।
जीरो टाॅलरेंस की नीति को लेकर उनको अंदर ही अंदर विरोध भी झेलना पड़ा, लेकिन वो अपने फैसलों से हटे नहीं। लगातार एक बाद एक फैसले लेते गए। उन्होंने हर तरह के दबाव को दरकिनार कर राज्यहित में कड़े फैसले लिए। लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार में उन्होंने प्रदेशभर में ताबड़तोड़ रैलियां की। पीएम मोदी के साथ भी रैलियां की। इस दौरान उनका पीएम मोदी के साथ गहरा सामंजस्य नजर आया। इतना ही नहीं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली, हिमाचल और दूसरे राज्यों में बतौर स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार में उतारा गया। इससे एक बात तो साफ है कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रदेश में राजनीति के एक मजबूत स्तंभ बनकर उभरे हैं।