घनसाली (हर्षमणि उनियाल) : घनसाली विधानसभा में विधायक निधि की ब्लॉक स्तर पर खूब बंदरबांट हो रही है…वो जिसका खुलासा ऑडियो रिकॉर्ड में खुद ग्राम विकास अधिकारी अरविंद गोस्वामी कर रहे हैं. जी हां विधायक निधि बजट का पैसा ग्राम प्रधान तक पहुंचते-पहुंचते कम होता गया यानी की इस बीच कई लोगों को कमीशन दिया गया और जिस काम के लिए पैसा रिलीज हुआ उसकी शुरुआत का नामों निशान नहीं है. इससे साफ कहा जा सकता है कि जीरो टॉलरेंस की सरकार में अधिकारी सरकार की नीति पर ही भारी पड़ रहे हैं.
कांगड़ा गांव का मामला
जी हां मामला घनसाली विधानसभा क्षेत्र में आने वाले कांगड़ा गांव का है…जहां के लोग इन दिनों खुद सड़क निर्माण कार्य में जुटे हैं. वहीं यहां अब विधायक निधि की ब्लॉक स्तर पर बड़े घोटाले का मामला सामने आया है. यह वही कांगड़ा गाँव है जो 26 सालों से अपनी सड़क की लड़ाई लड़ते हुए खुद अपनी सड़क बनाने के लिए जुटे हैं और पहाड़ खोज रहे है.
ग्राम विकास अधिकारी ने बताई चौंकाने वाली बात
ग्रामीण गोपाल सिंह पंवार ने बताया कि उन्होंने जब अपने गाँव के लिए विधायक निधि से स्वीकृत महिला मिलन केंद्र के बारे में ग्राम विकास अधिकारी से फोन के जरिए जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने उन्हें हैरान कर देने वाली बात बताई…उन्होंने गोपाल सिंह पंवार को बताया की उक्त कार्य के लिए 90 हज़ार रुपये ग्राम प्रधान को काफी समय पहले दे दिए गए हैं. जिससे वो दंग रह गए. क्योंकि उक्त कार्य के लिए कोई कवायद गांव शुरू नहीं हुई है और इसी बीच ग्रमीणों को पता लगा कि उक्त 90 हज़ार की रकम से 20 % कमीशन काट कर 72 हज़ार रुपये ही प्रधान को दिए गए हैं। आपको बता दें इस मिलन केंद्र की अनुलागत 4 लाख रुपये है.
आखिर 18 हज़ार रुपये गए तो गए कहां?
कांगड़ा गांव के युवक गोपाल सिंह पंवार ने इस मामले के बारे में जानना चाहा कि आखिर वह 18 हज़ार रुपये गए तो गए कहां. जिसके बाद उन्हें छानबीन में ग्राम विकास अधिकारी अरविंद गोस्वामी द्वारा पता चला कि उक्त पैसे कमीशन के लिए काट दिए गए हैं औऱ वह पैसा ब्लॉक में सबको बंटता है। जिसका ऑडिया वायरल हो गया. ऑडियो में विधायक को भी कमीशन का हिस्सा होने का जिक्र किया है…ऑजियो में सााफ तौर पर ब्लॉक स्तर पर पैसों की बंदलबांट की पोल खुलती दिखी.
विधायक निधि का 72 हज़ार रुपये ग्राम प्रधान को देने का खुलासा
वहीँ एक और युवक मनोज सिंह उर्फ़ संजय सिंह पंवार ने भी जब ग्राम विकास अधिकारी मनोज से इस बारे में बात की तो उनको भी उन्होंने वही 20 प्रतिशत के बंदरबांट खेल के बारे में बताया और कहा की वह विधायक निधि का 72 हज़ार रुपये वह ग्राम प्रधान को बहुत पहले दे चुके हैं.
खण्ड विकास अधिकारी का कहना-संज्ञान में नहीं मामला
वहीं इस घोटाले में विकासखण्ड भिलंगना के खण्ड विकास अधिकारी धर्मानन्द सकलानी का कहना है कि इस तरह का कोई मामला उनके संज्ञान में नही है और अगर किसी ने ऐसा किया है तो उसकी जांच होगी। वहीं ब्लॉक प्रमुख विजय गुनसोला ने भी बात से अनभिज्ञ होने की बात कही और साथ ही साथ दंडात्मक कार्यवाही की भी बात कही है।
बड़ा सवाल- क्या अभी तक बंटी सभी विधायक निधि में यही खेल चला है?
अब सवाल यह है कि क्या अभी तक बंटी सभी विधायक निधि में यही खेल चला है. जिसके बारे में किसी को संज्ञान नहीं औऱ किसी को जानकारी नहीं. बड़ा सवाल है कि क्या ऐसे में विधायक निधि से क्षेत्र का विकास संभव हो पायेगा. बड़ा सवाल ये भी है कि न जाने ब्लॉक भिलंगना में यह खेल कब से चल रहा है. कई ऐसे मामले हो सकते हैं जिनसे पर्दा उठाने अभी बाकी है।
देखने वाली बात यह होगी कि क्या वाकई इस मामले की जांच सरकार ईमानदारी से करवाएगी।