काशीपुर : उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर तीन दिवसीय आंदोलन शुरू कर मांगों के निस्तारण की मांग की। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने बाजपुर के राजकीय चिकित्सालय में प्रदर्शन किया। वहीं धरना प्रदर्शन के उपरांत आशा वर्कर्स ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौपा। बता दें कि बाजपुर के सरकारी अस्पताल परिसर में आशा कार्यकत्रियां एकत्र हुई। जहां राष्ट्रीय स्तर पर आशाओं ने संयुक्त रूप से 7, 8 व 9 अगस्त को अपनी मांगों के संबंध में तीन दिवसीय हड़ताल, धरना-प्रदर्शन व कार्यबहिष्कार शुरू किया। वही आशाओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। इस दौरान आशाओं ने न्यूनतम वेतन, स्थायीकरण, लॉकडाउन भत्ता, पेंशन, बीमा सुरक्षा समेत 11 सूत्रीय मांगों के निस्तारण की मांग की। इस दौरान आशाओं ने कहा उनको मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए नियुक्त किया गया था। लेकिन उसके बाद से ही आशाओं पर विभिन्न सर्वे और काम का बोझ लगातार बढ़ाया गया है। उनसे काम तो लिया जाता है लेकिन उसका भुगतान नहीं किया जाता। यानी आशाओं को सरकार ने मुफ्त का कार्यकर्ता समझ लिया है। कोरोना संक्रमण काल में भी वह लगातार एमरजेंसी ड्यूटी कर रही आशाओं के प्रति सरकार का इस तरह का रवैया अफसोसजनक है।
उत्तराखण्ड आशा कार्यकत्रियों का कार्यबहिष्कार, इतने दिन हड़ताल पर बैठीं,
