देहरादून : NH-74 भूमि अधिग्रहण घोटाले में दो IAS के सस्पेंड होने के बाद एसआईटी ने मामले की जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी. साथ ही एसआईटी ने राज्य सरकार से निलंबित आईएएस पंकज पांडेय के खिलाफ अभियोजन मंजूरी मांगी है। जिससे आईएएस पंकज पांडे की मुसीबत बढ़ती नजर आ रही है तो वहीं मामले में दूसरे निलंबित आईएएस चंद्रेश यादव को फिलहाल राहत है।
पूछताछ के बाद सिर्फ एक अधिकारी के खिलाफ अभियोजन की अनुमति मांगी गई
सूत्रों की मानें तो इस रिपोर्ट में सबसे अहम बात यह है कि इसमें पूछताछ के बाद सिर्फ एक अधिकारी के खिलाफ अभियोजन की अनुमति मांगी गई है। प्रदेश सरकार के अभियोजन मंजूरी देने की स्थिति में एसआईटी आईएएस पंकज के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार भी कर सकती है। इसका मतलब यही हुआ कि एक अधिकारी को एसआइटी ने संदेह के दायरे से बाहर कर दिया है एनएच 74 के लिए भूमि अधिग्रहण के बदले मुआवजा देने के कई निर्णयों में एसआईटी को गड़बड़ी मिली है।
वहीं इस मामले में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि विधानसभा सत्र में व्यस्तता के चलते फिलहाल उन्हें इस रिपोर्ट के संबंध में जानकारी नहीं है।
सरकार जल्द दे सकती है मंजूरी
अभियोजन मंजूरी के लिए कई ठोस आधार एसआईटी ने सरकार को सौंपे हैं। अभियोजन मंजूरी का अंतिम फैसला सरकार को लेना है। सरकार मंजूरी देने के पक्ष में है, लेकिन एहतियात के तौर पर विधिक राय ली जा रही है। सूत्रों की मानें तो सरकार जल्द मंजूरी दे सकती है। मंजूरी देने की स्थिति में आईएएस पंकज पांडेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के साथ गिरफ्तारी भी संभव है। इस मामले में कुछ पीसीएस अफसरों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है।
बता दें कि एसआईटी जांच के आधार पर सरकार ने 11 सितंबर को आईएएस पंकज पांडेय और चंद्रेश यादव को सस्पेंड करने का आदेश दिया था। दोनों अधिकारी कार्मिक विभाग के साथ अटैच हैं। सूत्रों के अनुसार दोनों को आरोप पत्र जारी करने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई, जबकि एसआईटी ने पंकज के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति सरकार से मांग ली है।