देहरादून(हिमांशु चौहान)- बीते दिनों हुई त्रिवेंद्र सरकार की हुई कैबिनेट में प्रदेश में महिलाओं की नाइट शिफ्ट पर लगे प्रतिबंध को हटाया गया. यानी अब प्रदेश में सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाली महिलाओं को नाइट शिफ्ट में भी काम करना पड़ सकता है. गौर हो कि पूर्व की हरीश रावत सरकार ने कैबिनेट के फैसले में ही प्रदेश मैं महिलाओं के नाइट शिफ्ट पर प्रतिबंध लगाया था.
उत्तराखंड में बढ़े अपराध, पुलिस प्रशासन के माथे पर बढ़ी चिंता की लकीरें
उत्तराखंड शांत वादियों औऱ स्वच्छ वातावरण के लिए जाना जाता है लोग यहां सुकून पाने के लिए आते हैं लेकिन बीते महीनों में लगातार बलात्कार से लेकर लूट-पाट, हत्या जैसी घटनाएं बढ़ी हैं जिससे पुलिस प्रशासन से लेकिन जनता के माथे में चिंता की लकीरें साफ झलकती है.
उन परिजनों को जरुर मायूस कर देगी जिनकी बेटियां बाहर शहरों में नौकरी कर रही हैं
ऐसे में कैबिनेट में महिलाओं की नाइट शिफ्ट की मंजूरी जरुर उन परिजनों को जरुर मायूस कर देगी जिनकी बेटियां बाहर शहरों में नौकरी कर रही हैं. यहां सरकार के नए फरमान के बाद सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाली महिलाओं के लिए थोड़ी मुश्किल बढ़ सकती है औऱ साथ ही उनके परिवार वालों के लिए भी.
महिलाओं को नहीं नाईट शिफ्ट करने में कोई एतराज
वहीं फैसले के बाद महिलाओं को नाईट शिफ्ट करने में कोई एतराज नहीं हैं….महिलाओं का कहना है कि अगर उनको कंपनी की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था के साथ नाईट में ऑफिस के लिए आने जाने की कंपनी की तरफ से सुविधा मिलनी चाहिए।
इस फैसले के बाद हुई पुलिस और सरकार दोनों के लिए आगे कई चुनौतियां खड़ी
जहां सरकार ने महिला कर्मचारियों के नाइट में ड्यूटी करने की अनुमति दे दी है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या सरकार और पुलिस प्रशासन ने महिलाओं के लिए सुरक्षा को ध्यान में रखकर या सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. क्योंकि इस फैसले के बाद पुलिस और सरकार दोनों के लिए आगे कई चुनौतियां खड़ी भी हो गई हैं.
महिलाओं की ड्यूटी हर क्षेत्र में रात 8 बजे के बाद नहीं लगाई जाती थी
राज्य सरकार का तर्क है की महिलाओ का पुरुषों की तरह काम करना उनका मौलिक अधिकार है. लिहाजा इस लिए केबिनेट ने ये फैसला लिया था अब तक राज्य में महिलाओं की ड्यूटी हर क्षेत्र में रात 8 बजे के बाद नहीं लगाई जाती थी. मसलन राज्य में महिलाएं ओवर टाइम हो या रात की शिफ्ट नहीं कर पाती थी. हरीश रावत सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद महिलाओ ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी थी. किसी ने इस फैसले को सुरक्षा के तहत सही बताया था तो किसी ने इसे गलत।
क्या सरकार औऱ पुलिस ने किए रात में सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम
आपको बताते चलें कि प्रदेश में महिला अपराध को लेकर क्राइम ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है…ऐसे में सरकार औऱ पुलिस ने क्या सुरक्षा के इंतजाम किए हैं. क्योंकि महिलाओं के साथ-साथ छोटी बच्चियों के साथ कई ऐसी घटनाए घटी हैं जिससे राज्य को शर्मसार होना पड़ा औऱ एक नजर डालें अपराध के आंकड़ों पर.
मामले 2018 2017 2016
हत्या 28 34 32
बलात्कार 306 236 187
छेड़खानी 46 18 23
दहेज हत्या 37 32 34
चैन लूट 24 30 17
राज्य सरकार महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित नहीं करना चाहती-मंत्री रेखा आर्य
त्रिवेंद्र सरकार के फैसले के बाद महिला एवम बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा है की त्रिवेंद्र सरकार का ये फैसला ऐतिहासिक है और इसका स्वागत करना चाहिए क्यूंकि राज्य सरकार महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित नहीं करना चाहती है. मंत्री आर्या की मानें तो सरकार ने बताया है की महिलाये पुरुषो से कम नहीं है. और अब हर क्षेत्र में महिलाएं दिन हो या रात काम कर सकेगी. अब महिलाये रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक काम कर सकेगी राज्य में आईटी को बढ़ावा देने के लिए ये काम किया गया है.
देखने वाली बात होगी कि सरकार अपने फैसले को लेकर कितना सही साबित करती है और पुलिस प्रशासन महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाती है.