देहरादून : उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए भोजन परोसने वाली भोजनमाता ने शिक्षकों पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। साथ ही भोजनमाता ने इसके विरोध में 9 जनवरी को सचिवालय में कूच करने का ऐलान भी किया है। साथ ही भोजन माताओं ने न्यूनतन वेतन 15 हजार रुपये करने की मांग की।
शिक्षकों पर लगाए कई आरोप
भोजनमाताओं ने शिक्षकों पर आरोप लगाया कि स्कूल में भोजन बनवाने के अलावा शिक्षक उनसे स्कूल का सारा काम करवाते हैं। यहां तक कि कई स्कूलों में भोजन माता स्कूल खुलाने से लेकर स्कूल बंद करने और स्कूल खुले रहने के दौरान छात्रों को भोजन बनाने के अलावा स्कूल की सफाई करने, स्कूल का सामान लाने, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के साथ शिक्षकों के लिए चाय और खाना बनाने का भी काम करवाया जाता है, जबकि उनको मानदेय केवल भोजन बनाने के लिए ही मिलता है, वो भी मात्र 2 हजार रूपए, जिसमें उनका गुजर बसर भी नहीं चल पाता।
इसको लेकर संगठन की मांग है कि शिक्षकों का उनके प्रति स्कूल में किया जा रहा उत्पीडन बंद किया जाएं और न्यूनतम वेतन के तहत उन्हें 15 हजार रूपये वेतन दिया जाए।