वहीं एक बार फिर से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने आवाज बुलंद की है. अभ्यर्थियों ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की जेई भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया है. अभ्यर्थियों में इस धांधली से खासा रोष है और उन्होंने आवाज बुलंद कर ली है. उनका आरोप है कि चयनितों ने मामले राजनीतिक दबाव बनाया गया है।
निष्पक्ष जांच करने की मांग
चयन से वंचित अभ्यर्थियों का आरोप है कि केवल संदेह के आधार पर जी तोड़ मेहनत कर सफल हुए अभ्यर्थियों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच करने और उनके उनके द्वारा दिए गए तथ्यों को ध्यान में रखकर न्याय करने की गुहार लगायी है।
2016 में 252 पदों पर जेई भर्ती को विज्ञप्ति जारी थी
गौर हो कि अधीनस्त सेवा चयन आयोग ने वर्ष 2016 में 252 पदों पर जेई भर्ती को विज्ञप्ति जारी थी। वर्ष 2017 में परीक्षा के बाद 2018 में परीक्षा परिणाम जारी किया गया। वहीं परीक्षा में असफल हुए कुछ अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका दायर का धांधली का आरोप लगाया। अभ्यर्थियों का कहना था कि परीक्षा में रूड़की के एक कोचिंग सेंटर से 66 अभ्यर्थी सफल हुए. मामले में तत्कालीन हरिद्वार डीएम ने भी जांच की औऱ आश्वासन दिया। जिसमें भर्ती प्रक्रिया पर संदेह जताया गया। चयनितों ने केवल संदेह के आधार पर भर्ती प्रक्रिया को गलत ठहराने पर रोष जताया।
अभ्यर्थियों का कहना है कि कोर्ट ने मामले की जांच ऊर्जा सचिव को सौंप दी है। उन्होंने ऊर्जा सचिव से चयनितों के तथ्यों को जांच में शामिल कर न्याय करने की मांग की। कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह कोर्ट जाने को मजबूर होंगे।