देहरादून : केंद्र सरकार की ओर से 1 सितंबर से यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने संबंधी नए नियम लागू हो गए हैं जिसके बाद आम जनता के भारी भरकम चालान किए गए. जनता ने नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार को खराब सड़कों और खराब सड़कों के कारण हो रहे सड़क हादसों का हवाला देते हुए जमकर कोषा और भड़ास निकाली। लोगों ने कहा कि जुर्माना तो बढ़ा दिया लेकिन सड़कें कौन ठीक करेगा.
सड़क डिजाइनिंग में गड़बड़ी के कारण हुआ सड़क हादसा तो नपेंगे ये
बात करें उत्तराखंड की तो लागू नए मोटर व्हीकल एक्ट में एक धारा और जोड़ी गयी है. नई धारा के तहत अगर सड़क डिजाइनिंग में गड़बड़ी के कारण कोई सड़क हादसा होता है या यूं कहें कि सड़क की डिजाइनिंग में गलती का खामियाजा अगर जनता को भुगतना पड़ा तो इसका सीधा जिम्मेदार ठेकेदार को माना जाएगा औऱ उसपर एक लाख का जुर्माना ठोका जाएगा. ऐसा प्रावधान किया गया है कि सड़क डिजाइनिंग में गलती होने पर अगर सड़क हादसा होता है तो अथॉरिटी रोड डिज़ाइनर, कांट्रेक्टर उनके विरुद्ध भी कार्रवाही की जाएगी और ऐसी दशा में उनपर 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
अधिनियम 1989 में नहीं था कोई प्रावधान
आपको बता दें कि केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 में सड़क की खराब गुणवत्ता और डिजाइन के कारण होने वाले हादसों के लिए निर्माता कंपनी और ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराने संबंधी कोई प्रावधान नहीं थे। सड़क पर सुरक्षित यातायात के उद्देश्य से बनाए गए नए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 में खराब गुणवत्ता और डिजाइन के कारण होने वाले हादसों के लिए निर्माता कंपनी या ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराने का प्रावधान शामिल किया गया है। मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 के उपबंध 198-ए (I) के अनुसार यदि सड़क के डिजाइन, निर्माण या मानक के अनुसार रखरखाव में कमी के कारण कोई हादसा होता है तो इसके लिए संबंधित प्राधिकरण, ठेकेदार, डिजाइन बनाने वाली संस्था, कंसल्टेंट में से जिसकी जिम्मेदारी होगी, उसको दोषी माना जाएगा।
मुख्य उद्देश्य सड़क हादसों के पीड़ितों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना
उपबंध 198-ए (II) सड़क के डिजाइन में खराबी के कारण हादसे होने पर संबंधित कंपनी या ठेकेदार की ओर से 164 बी के अधीन गठित मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड में जुर्माना राशि जमा करानी होगी। मोटर व्हीकल संशोधन बिल 2019 के उपबंध 164बी के तहत केंद्र सरकार एक मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड का गठन करेगी। इस फंड की देखरेख केंद्र सरकार की ओर से की जाएगी। इस फंड को गठित करने के मुख्य मकसद पूरे देश में सड़क हादसों के पीड़ितों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है।