उधमसिंह नगर : एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार औऱ राज्य की त्रिवेंद्र सरकार किसानों का हित में होने औऱ कर्ज मुक्त करने का ढोंक करती है तो वहीं दूसरी तरफ कर्ज में डूबे बिमार किसान को जेल की चारदिवारी में बंद कर दिया जाता है.
जी हां सितारगंज में एसडीएम की सख्ती के बाद तहसील प्रशासन ने बैंकों की वसूली के लिए कमर कस ली है. जिन किसानों की आरसी कटी हुई है उन किसानों से वसूली अभियान चल रहा है।
किसान पर 13 लाख रुपए का कर्ज
दो दिन पहले 13 लाख रुपए बकायेदार किसान जीत सिंह पुत्र प्यारा सिंह को संग्रह अमीनों ने पकड़कर तहसील हवालात में किया बंद। जीत सिंह नानकमत्ता के मोहम्मद गंज सुंदरनगर का रहने वाला है।
उप जिलाधिकारी के निर्देशों पर बैंकों के बकायेदार किसानों पर कार्यवाही
जहां एक तरफ किसानों को अन्नदाता के दर्जे में रखा जा रहा है. वहीं इस समय अन्नदाता का ही जीवन नर्क से बदतर हो कर रह गया. जहां एक तरफ नोटबंदी की मार झेल रहे किसान अभी तक उबर नहीं पाए वहीं दूसरी तरफ लोन ना चुका पाने की इस स्थिति में उप जिलाधिकारी के निर्देशों पर बैंकों के बकायेदार किसानों पर कार्यवाही करने से अन्नदाता जेल के पीछे पहुंच चुका है।
किसान ने बैंक से कर्ज लेकर लिया था ट्रैक्टर
आपको बता दें कि नानकमत्ता के सुंदर नगर गांव में रहने वाला एक गरीब किसान जिसके पास ढाई एकड़ जमीन से ही जीवन यापन करने का जरिया है। बैंक से कर्ज लेकर उसने ट्रैक्टर लिया था. नोटबंदी की मार झेल रहे किसान लोन चुका पाने में असमर्थ रह गया जिसको को कोई भी सरकारी सुविधा या सहायता देने के कि कोई बात नहीं की जा सकी और किसान आज तहसील प्रांगण की चारदीवारी में कैद होकर रह गया है।
उप जिलाधिकारी के आदेश पर लंबे समय से बैंकों के लोन के बकायादारों पर कार्रवाई करना तहसील परिसर में शुरू कर दी गई है जिसमें कार्रवाई करते हुए जीत सिंह पुत्र प्यारा सिंह को तहसीलदार द्वारा पकड़ कर हवालात में बंद कर दिया जिसके ऊपर 13 लाख रुपए का बकाया बताया जा रहा है.
जीत सिंह को ब्लड प्रेशर की बीमारी, नहीं हो रही जेल में देखभाल
वही पकड़ कर लाए बंदी किसान जीत सिंह ने बताया की उसके पास ढाई एकड़ पट्टे वाली भूमि है. उसने ट्रैक्टर पर लोन लिया था। जो ब्याज लगाकर 13 लाख रूपये हो गए है। जीत सिंह के परिजन मिलने तहसील हवालात पहुंचे उन्होंने बताया जीत सिंह को ब्लड प्रेशर की बीमारी है. इसकी देखरेख प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है. जीत सिंह के स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है. इसको प्रशासन द्वारा अनदेखा किया जा रहा है. जीत कि पत्नी ने गुहार लगाते हुए अपने पति को दवा देने के लिए अपील की.