उत्तराखंड राज्य के जनपद उधम सिंह नगर को भले ही शौच मुक्त करार दे दिया गया हो और अवाँर्ड लेकर प्रशासन अपनी वाहवाही लूटने में लगे हों लेकिन एक सच्चाई ऐसी भी है कि आप सुन कर हैरत में पड़ जाएँगे. सूबे के शिक्षा मंत्री की विधानसभा का एक गाँव गूलरभोज का ग्राम कोपा जिसे डेम पार भी कहा जाता है, जो कि 1500 लोगों की आवादी का है, लेकिन इस गाँव में एक भी शौचालय नहीं है. गाँव के बच्चे हो या महिलाएं हो या फिर बुजुर्ग हो या गाँव की युवतियां सभी को शौच के लिए बहार जाना पड़ता है. इतना ही नहीं बल्कि इस गाँव में रहने वाले युवकों की शादी तक नहीं होती है. शौचालये की वजह से कई युवकों की शादी टूट गयी है. जब की जनपद उधम सिंह नगर मात्र एक जिला ही ऐसा है जो की ओ.डी.एफ है। अब सवाल यह है की ये कैसा ओ.डी.एफ जिला है कागजों में या फिर धरातल पर.
गांव में नहीं एक भी शौचालय
ये गाँव देखने में कितना सुन्दर लगता है और इस गाँव में एक भी शौचालये नहीं हैं. क्योंकि इस गाँव के सभी लोग मजदूर हैं. जो रोजी रोटी के लिए मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। इस गाँव के स्थाई लोगों में किसी भी प्रकार का भेद भाव नहीं है.
अरविन्द पांडेय हैं गाँव कोपा क्षेत्र के विधायक
आपको बताते चलें की इस गाँव कोपा के विधायक अरविन्द पांडेय हैं जो की सत्ताधारी पार्टी के शिक्षा मंत्री हैं, ये गाँव लगभग 70 वर्षो से बसा हुआ है जिसकी और कोई भी ध्यान नहीं देता. गाँव के रहने वाले लोगों के अनुसार जब चुनाव का समय होता है तब सभी नेता वोट मांगने आ जाते हैं और उसके बाद उनकी कोई सुध नहीं लेता है. इनके अनुसार ये कई बार विधायक के पास गए लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला, मिला तो आश्वासन इसके आलावा कुछ नहीं मिला. जब की ये गाँव शिक्षा मंत्री के आवास से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर है. जिस पर ना ही किसी अधिकारी और ना ही किसी जनप्रितिनिधि का ध्यान जाता है.
राजकुमार ठुकराल का बयान
वहीं विधायक राजकुमार ठुकराल का कहना है कि मीडिया ने अभी हमारे संज्ञान में ये मामला लाया है…हम अभी इसकी जांच करवा कर कार्रवाही करेंगे और ये भी देखा जायेगा की क्या कारण रहें इस शौचालय ना बनने का…ठुकराल ने कहा की जिसकी भी वजह से ये परेशानी लोगोॆ को हुई है उस दोषी पर कार्रवाही की जाएगी|