देहरादून : देहरादून आरटीओ में कुछ दिनों पहले तीन आरटीओ के ट्रांसफर का फर्जी आदेश बनाकर ट्रांसफर करने का मामला सामने आया था। इस मामले में अब एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। गिरफ्तार दलाल कुलवीर सिंह का दावा है कि इस पूरे काम को उसने उत्तराखंड परिवहन विभाग में तैनात उपायुक्त सुधांशू गर्ग के कहने पर अंजाम दिया है।
मामले के खुलासा होने के बाद से परिवहन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि अभी उपायुक्त का कोई बयान सामने नहीं आया है। पकड़े गए आरोपी ने पूछताछ में बताया कि ट्रांसफर के इस खेल को सेटल करने के लिए बाकायदा डील की गई थी। लेन-देन और आरटीओ से बसों के परमिट पास करने को लेकर सौदा किया गया था। यह बात भी सामने आई है कि अधिकारी ने आरोपी को आरटीओ देहरादून में तैनाती दिलाने के लिए कहा था। जब ट्रांसफर नहीं हो पाया, तो उसने पूरा जाल रच डाला और फर्जी ट्रांसफर आदेश बनवा दिया।
आरोपी कुलवीर नेगी की सुधांशू गर्ग से पुरानी मुलाकात थी, पूर्व में वह अपने राजनीतिक सम्पर्कों के माध्यम से अपने वाहन के नम्बर के सम्बन्ध में सुधांशू गर्ग से मिल था। उसने बताया कि कुछ समय पहले सुधांशु गर्ग को अपने प्रभाव में लेने के लिये उसने स्थानांतरण देहरादून कराने की बात कही थी। उसके एवज में उनसे कुछ सिटी बसों के परमिट करवाने की हामी भरवायी गयी। आदेश बनाने के लिए उसने इन्टरनेट से पुराने ट्रांसफर आॅर्डर की काॅपी निकाल कर फर्जी आदेश बनाया गया। फर्जी हस्ताक्षर किये गये। फर्जी आदेश के सहारे सुधांशू गर्ग से अधिकारियों को पैसा देने के नाम पर मोटी वसूली करने की योजना थी।